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Rourkela news: तालचेर से पाराबिल तक 34 किलोमीटर रेलपथ बनकर तैयार, पाल्लहड़ा में राज्य सरकार ने शुरू किया जमीन अधिग्रहण : रेल मंत्री

Rourkela news: ढेंकानाल सांसद के सवाल पर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने तालचेर-बिमलगढ़ रेलपथ परियोजना से संबंधित जानकारी लोस में प्रदान की.

Rourkela news: बहुप्रतीक्षित तालचेर-बिमलगढ़ रेलपथ में तालचेर से पाराबिल तक 34 किलोमीटर रेलपथ बनकर तैयार हो गया है. जिसमें सुनाखनि, समल, पाराबिल स्टेशन का निर्माण भी पूरा हो चुका है. ढेंकानाल सांसद रूद्रनारायण पाणि के संसद में तालचेर-बिमलगढ़ रेलपथ निर्माण की धीमी गति को लेकर सवाल उठाने के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से यह जानकारी मुहैया करायी गयी है.

1928 करोड़ रुपये है परियोजना की नवीनतम स्वीकृत लागत

सांसद पाणि ने 26 मार्च को पूछा था कि क्या निर्माणाधीन तालचेर-बिमलगढ़ रेलवे लाइन परियोजना बहुत धीमी गति से चल रही है, यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं. सरकार द्वारा उक्त विलंब को दूर करने के लिए क्या उपाय किये गये हैं और उक्त परियोजना कब तक पूरी होने की संभावना है? इसके उत्तर में रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि तालचेर-बिमलागढ़ (150 किमी) नयी लाइन का कार्य स्वीकृत है. परियोजना की नवीनतम स्वीकृत लागत 1928 करोड़ रुपये है. रेलवे द्वारा उपलब्ध भूमि पर कार्य शुरू कर दिया गया है. अब तक 34 किमी खंड (तालचेर-पाराबिल) तैयार हो चुका है. वहीं पाराबिल-पाल्लहड़ा (43 किमी) और बिमलगढ़-महुलडीहा (32 किमी) खंडों में अपेक्षित भूमि राज्य सरकार द्वारा सौंप दी गयी है. इन खंडों में काम शुरू हो गया है. इसके अलावा शेष खंड यानी पाल्लहड़ा-महुलडीहा (41 किमी) में भूमि अधिग्रहण का काम राज्य सरकार द्वारा शुरू कर दिया गया है. लेकिन इसका निर्माण कब तक पूरा होगा, इस सवाल पर केंद्रीय रेल मंत्री की ओर से गोलमोल जवाब दिया गया है. इसे लेकर उन्होंने कहा है कि किसी भी रेलवे परियोजना का पूरा होना विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है, जैसे राज्य सरकार द्वारा शीघ्र भूमि अधिग्रहण, वन विभाग के अधिकारियों द्वारा वन मंजूरी, लागत साझाकरण परियोजनाओं में राज्य सरकार द्वारा लागत हिस्सेदारी का जमा करना, परियोजनाओं की प्राथमिकता, उल्लंघनकारी उपयोगिताओं का स्थानांतरण, विभिन्न प्राधिकरणों से वैधानिक मंजूरी, क्षेत्र की भूवैज्ञानिक और स्थलाकृतिक स्थितियां, परियोजना स्थल के क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की स्थिति, जलवायु परिस्थितियों के कारण विशेष परियोजना स्थल के लिए एक वर्ष में कार्य महीनों की संख्या आदि.

पाराबिल में सीआरएस इंस्पेक्शन पूरा होने के बाद ही पटरी पर दौड़ेगी ट्रेन

केंद्रीय रेल मंत्री ने तालचेर से पाराबिल तक काम पूरा होने की जानकारी दी है. लेकिन पाराबिल स्टेशन का सीआरएस इंस्पेक्शन नहीं हो पाया है. पाराबिल में सीआरएस इंस्पेक्शन पूरा होने के बाद ही ट्रेन चलाये जाने की बात कही गयी है. वहीं, कहा गया है कि तालचेर से समल तक सीआरएस इंस्पेक्शन का काम पूरा हो चुका है. जिससे समल तक ट्रेन चलाने की अनुमति ईस्ट कोस्ट रेलवे की ओर से दी गयी है. समल स्टेशन को स्टेशन कोड भी प्रदान किया जा चुका है. जिससे तालचेर से समल तक नवनिर्मित रेलपथ पर कब तक ट्रेन दौड़ेगी, इसका इंतजार सभी को है.

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