Rourkela News: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 का आयोजन भव्य रूप से किया गया. जिसमें 300 से अधिक छात्रों ने प्रोफेसर प्रशांत के पाणिग्रही (पूर्व निदेशक, आइआइएसइआर कोलकाता) द्वारा ‘21वीं सदी के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी का उदय’ शीर्षक से एक व्याख्यान में भाग लिया. कार्यक्रम प्रख्यात भारतीय भौतिक विज्ञानी और नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज की स्मृति में मनाया गया.
भविष्य के उन्नत पोर्टेबल उपकरण क्वांटम प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगे
इस कार्यक्रम का उद्घाटन एनआइटी राउरकेला के बीबी ऑडिटोरियम में किया गया. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस कार्यक्रम के समन्वयक प्रोफेसर ज्योति प्रकाश कर ने भविष्य को आकार देने में क्वांटम प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सत्र की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि आज का सत्र इस बात पर आधारित है कि कैसे दुनिया बेहतर भविष्य के लिए क्वांटम प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में भारी प्रयास कर रही है. उच्च दक्षता वाले भविष्य के उन्नत पोर्टेबल उपकरण क्वांटम प्रौद्योगिकी पर आधारित होंगे. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, क्वांटम भौतिकी के विशेषज्ञ प्रो प्रशांत के पाणिग्रही ने क्वांटम विरोधाभास विषय पर ज्ञानवर्धक भाषण दिया. बताया कि जैसा कि आज के कार्यक्रम के शीर्षक से पता चलता है, मैं क्वांटम विरोधाभासों के बारे में अपनी समझ साझा करना चाहता हूं. ये विरोधाभास वास्तविकता की हमारी समझ को चुनौती देते हैं. एक ही समय में कई अवस्थाओं में परमाणु और कण कैसे मौजूद हो सकते हैं, इस सिद्धांत को सुलझाना एक आकर्षक पहेली है, जो क्वांटम यांत्रिकी के मूल में है.
देश के विकास में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर
एनआइटी राउरकेला के प्रभारी निदेशक प्रो प्रदीप सरकार ने सत्र को संबोधित करते हुए देश के विकास में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. उन्होंने छात्रों से सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में अपने शोध और नवाचार को आगे बढ़ाने का आग्रह किया और विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए युवाओं को सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया. प्रो स्नेहाशीष चक्रवर्ती (डीन-अकादमिक, एनआइटीआर), प्रो रोहन धीमान (रजिस्ट्रार) ने भी बच्चों को संबोधित किया.
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