Rourkela news: पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के बाद राउरकेला को अलग रेल डिवीजन बनाने की मांग फिर तेज हो गयी है. पूर्व केंद्रीय ने हाल ही में प्रधानमंत्री से मुलाकात कर राउरकेला एयरपोर्ट का विकास, राउरकेला स्टील प्लांट का विस्तार और राउरकेला को अलग रेल डिवीजन की मान्यता देने समेत अन्य मांगें रखी थी. जिससे राउरकेला को अलग रेल डिवीजन की मान्यता देने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है.
चक्रधरपुर रेल मंडल को राउरकेला रेल खंड से मिल रहा है सर्वाधिक राजस्व
शहर के कई सामाजिक व राजनीतिक संगठनों ने इस मांग के समर्थन में आवाज बुलंद की है. उनका कहना है कि पिछले कई वर्षों से चक्रधरपुर रेल मंडल को राउरकेला रेल खंड से सर्वाधिक राजस्व मिल रहा है. लेकिन इस राशि से ओडिशा के राउरकेला समेत आसपास के इलाकों में जिस प्रकार से रेल सेवा का विस्तार होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है. ओडिशा का झारसुगुड़ा रेलवे स्टेशन भी दक्षिण पूर्व रेलवे के अंतर्गत चक्रधरपुर डिवीजन में है, जबकि इसका मुख्यालय गार्डन रीच, कोलकाता में है. सुंदरगढ़ जिले के लौह अयस्क, मैंगनीज, डोलोमाइट, कोयला आदि खनन अंचल चक्रधरपुर डिवीजन के अंतर्गत आते हैं. साथ ही राउरकेला स्टील प्लांट समेत जिले के कई छोटे-बड़े लौह और इस्पात संयंत्र, डालमिया और शिवा सीमेंट जैसे प्लांट हैं. राउरकेला सेक्शन में बंडामुंडा जैसा मार्शलिंग यार्ड हैं, जो भारतीय रेलवे का दूसरा सबसे बड़ा यार्ड है. इसे देखते हुए राउरकेला में एक रेलवे डिवीजन और इसे ओडिशा ईस्ट कोस्ट रेलवे के तहत लाने की लंबे समय से मांग की जा रही है.
20 साल पुरानी है मांग, पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी पीएम को लिखा था पत्र
राउरकेला को रेलवे डिवीजन बनाने की मांग पिछले 20 साल से की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी राउरकेला काे अलग रेल डिवीजन बनाकर ईस्ट कोस्ट रेलवे में शामिल करने को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान राउरकेला में रेल डिवीजन की मांग उठायी थी. दिलीप राय लंबे समय से रेल डिवीजन के पक्ष में तर्क देते रहे हैं. इसके अलावा राउरकेला का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों सहित शहर में सक्रिय सामाजिक संगठनों और जागरूक वर्ग राउरकेला डिवीजन के पक्ष में मांग करते रहे हैं. केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम पहले ही रेलवे के बंटवारे के पक्ष में दावा कर चुके हैं. अब दिलीप राय ने सीधे प्रधानमंत्री से यह मांग उठायी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

