Rourkela News :
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) राउरकेला ने बुधवार को ‘संविधान दिवस’ मनाया. भारत के संविधान को अपनाने की 76वीं सालगिरह पर चलाये जा रहे नेशनल कैंपेन ‘हमारा संविधान – हमारा स्वाभिमान’ का भी मौके पर समापन हुआ. यह कार्यक्रम इंस्टीट्यूट की मेन बिल्डिंग के सामने सुबह 11:00 बजे प्रस्तावना पढ़ने के साथ शुरू हुई. प्रस्तावना एनआइटी राउरकेला के डायरेक्टर प्रो के उमामहेश्वर राव ने पढ़ा. इसमें फैकल्टी मेंबर, स्टाफ और स्टूडेंट्स शामिल हुए. सभी ने संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. इस साल के संविधान दिवस के इवेंट्स, आदिवासी गौरव वर्ष (15 नवंबर 2024 – 15 नवंबर 2025) की आखिरी एक्टिविटीज के साथ हुए. यह राष्ट्रीय कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को समर्पित था. पिछले एक साल में एनआइटी राउरकेला ने आदिवासी इतिहास और भारत के संविधान की अहमियत बताने वाली एग्जीविशन, अवेयरनेस एक्टिविटीज और कल्चरल प्रोग्राम आयोजित किए. दोनों खास मौकों को ध्यान में रखते हुए शाम को क्लोजिंग सेरेमनी हुई और इसमें प्रो आर के बिस्वाल (नोडल ऑफिसर – आदिवासी गौरव वर्ष और संविधान अपनाने के 75 साल का प्रोग्राम, एनआइटी राउरकेला) ने स्वागत भाषण दिया. इसके बाद प्रो के उमामहेश्वर राव ने उद्घाटन संबोधन में कहा कि संविधान हमें उन आदर्शों की याद दिलाता है जो हमारे लोकतंत्र को बनाते हैं. जब हम एक साथ प्रस्तावना पढ़ते हैं, तो हम अपने रोजाना के कामों में न्याय, आजादी, बराबरी और भाईचारे की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी को दोहराते हैं. जैसा कि हम जनजातीय गौरव वर्ष का पालन का भी समापन कर रहे हैं. हम सभी के लिए भगवान बिरसा मुंडा के साहस और योगदान को याद रखना जरूरी है. जिनकी विरासत आदिवासी पहचान और सबको शामिल करने के लिए सम्मान की प्रेरणा देती है. समारोह को सार्थक बनाने में स्टूडेंट्स, फैकल्टी और स्टाफ की सक्रिय भागीदारी की भी उन्होंने सराहना की. प्रो रोहन धीमान (रजिस्ट्रार, एनआइटी राउरकेला) और पी नीरजा (प्रिंसिपल, केंद्रीय विद्यालय –एनआइटी) ने भी सभा को संबोधित किया. केंद्रीय विद्यालय-एनआइटी के विद्यार्थियों ने संवैधानिक मूल्यों और आदिवासी पहचान पर केंद्रित एक स्किट और डांस सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

