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सभी वाटर कूलर खराब पानी को भटक रहे मरीज

सदर अस्पताल. रोज 150- 200 मरीज आते हैं अस्पताल में भरती मरीजों को पीना पड़ता है टंकी का गरम पानी मरम्मती के अभाव में बेकार पड़े हैं सभी वाटर कूलर चाईबासा : चाईबासा सदर अस्पताल में लगे सभी छह वाटर कूलर खराब होने के कारण मरीजों व स्वास्थ्यकर्मियों को शीतल पेयजल नहीं मिल रहा है. […]

सदर अस्पताल. रोज 150- 200 मरीज आते हैं

अस्पताल में भरती मरीजों को पीना पड़ता है टंकी का गरम पानी
मरम्मती के अभाव में बेकार पड़े हैं सभी वाटर कूलर
चाईबासा : चाईबासा सदर अस्पताल में लगे सभी छह वाटर कूलर खराब होने के कारण मरीजों व स्वास्थ्यकर्मियों को शीतल पेयजल नहीं मिल रहा है. मरीज व स्वास्थ्यकर्मियों को शीतल पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. अस्पताल में लगे छह वाटर कूलर शोभा की वस्तु बनकर रह गयी है. अस्पताल में प्रतिदिन करीब डेढ से दो सौ मरीज आते हैं. इस भीषण गर्मी में शीतल पानी नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. मरीज टंकी का गर्म पानी पीने को विवश हैं.
टंकी के गरम पानी से बुझ रही मरीजों की प्यास : खूंटपानी प्रखंड के मटकोबेड़ा निवासी मोटाय तियु ने बताया कि वह सोमवार की दोपहर अस्पताल गये थे. उन्हें प्यास लगी, तो शीतल पानी के लिए परेशान रहा. अंतत: टंकी का गर्म पानी पीना पड़ा.
खप्परसाई निवासी इपिल देवगम ने बताया वह शीतल पानी इधर-उधर खोजता रहा. उसे अस्पताल में कहीं शीतल पानी नहीं मिला. इन जगहों पर लगा है वाटर कूलर : महिला वार्ड, पुरुष वार्ड, अस्पताल कार्यालय के सामने, क्षेत्रीय अस्पताल के ओपीडी, मैटरनिटी वार्ड व एसएनसीयू वार्ड में.
सभी वाटर कूलर का मोटर खराब हो गया है. एक मोटर बनाने के लिए 2100 रुपये लगते हैं. इसके कारण मरम्मत नहीं करायी जा रही है. मरम्मत कराने के बदले और कुछ पैसे मिलाकर नया वाटरकूलर हो जायेगा.
जीरेन कंडुलना, अस्पताल प्रबंधक
घर से पानी लाते हैं कर्मी
अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि घर से बोतल में पानी लाना पड़ता है. वाटर कूलर छह माह से खराब है. इसकी मरम्मत नहीं करायी जा रही है. मरम्मत होने पर लोगों को शीतल
पानी मिलेगा.

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