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खनिज तस्करी रोकने पर गंभीर हुई सरकार

चाईबासा झारखंड खनिज समनुदान नियमावली 2004 में सरकार ने किया संशोधन एक साल कैद व खनिज मूल्य की दोगुनी राशि के बराबर दंड भरना होगा दूसरी व तीसरी दफा वैद्य परिवहन चालान पेश नहीं करने पर उपरोक्त सजा के साथ एक लाख तक का जुर्माना भी चाईबासा : खनिज तस्करों पर लगाम कसने के लिए […]

चाईबासा झारखंड खनिज समनुदान नियमावली 2004 में सरकार ने किया संशोधन

एक साल कैद व खनिज मूल्य की दोगुनी राशि के बराबर दंड भरना होगा
दूसरी व तीसरी दफा वैद्य परिवहन चालान पेश नहीं करने पर उपरोक्त सजा के साथ एक लाख तक का जुर्माना भी
चाईबासा : खनिज तस्करों पर लगाम कसने के लिए सरकार ने झारखंड लघु खनिज समनुदान में संशोधन किया है. इसके तहत खनिज की तस्करी करते पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी. इसमें अधिकतम एक साल की कैद या खनिज मूल्य की दोगुनी राशि के बराबर जुर्माना भरने या एक साथ दोनों दंड भुगतना पड़ सकता है.
नये झारखंड लघु खनिज समनुदान (संशोधन) नियमावली 2017 में सरकार ने यह प्रावधान किया है. यदि वाहन चालक लघु खनिज परिवहन करते समय सक्षम पदाधिकारी को प्रपत्र एम व झारखंड खनिज समनुदान नियमावली 2004 के अंतर्गत फार्म डी में परिवहन चालान नहीं दिखा पाता है या निरीक्षण से इनकार करता है, तो उसे सजा हो सकती है. दूसरी व तीसरी दफा वैद्य परिवहन चालान प्रस्तुत नहीं किये जाने पर उपरोक्त के अतिरिक्त दंड की राशि पचास हजार से एक लाख रुपये तक हो सकती है.
2016 में खनिज तस्करी के 11 मामले हुए दर्ज
पश्चिम सिंहभूम में साल 2016 में खनिज तस्करी के 11 मामले दर्ज हुये. इनमें 17 लोग जगन्नाथपुर के खगुड़साई निवासी धनुर्जय सिंकु व राकेश केराई, जगन्नाथपुर उरांव टोला के दुर्गा कुजूर, सिंगपोखरिया के राजेश उर्फ बबलू सवैंया, रुइया पंपलदा के अरुण बिरूवा, हाटगम्हरिया के राजू गोप, मुफ्फसिल थाना के टंराई निवासी लाडु कुदादा, नाकाहासा के सिमराई हेंब्रम, चेड़ाई के संतोष कुंदवा, आयता के राजा राम देवगम, तांतनगर पुलिस चौकी के खेडियाटांगर निवासी गुरुचरण सामड व कुडु तुबिड, मझगांव जुड़ीपदा के चंद्रमोहन पिंगुवा, सदर बाजारा चाईबासा के गुरुचरण गिरी,
मझगांव के मो जहांगीर साई,चाईबासा का रामचंद्र महाकुड़ व मझगांव मेसर्स कनिका मिनरल्स के पार्टनर कोशर अली का नाम शामिल है. इनके अलावा पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इन मामलों में अवैध पत्थर के 6 मामले और बालू व मुरुम के पांच मामले शामिल है. विभाग ने नौ ट्रैक्टर, पांच हाइवा और दो डंपर जब्त किया.
दंड शुल्क लेने के बाद बंधपत्र लेकर आरोपी को छोड़ा जा सकता है
अवैध परिवहन करते पाये जाने पर वाहन को पदाधिकारी खनिज सहित जब्त कर सकते हैं, जिसे किसी सरकारी प्रतिष्ठान या स्थानीय थाना प्रांगण में सुरक्षित रखा जायेगा है. सक्षम पदाधिकारी को यह अधिकार दिया है कि वे अवैध परिवहनकर्ता, गाड़ी व खनिज को उपरोक्त दंड शुल्क लेने के बाद बंध पत्र समर्पित कर छोड़ सकते हैं कि आरोपी न्यायालय के नोटिस पर उपस्थित होगा. अवैध परिवहनकर्ता पर नियमानुकूल कार्रवाई के लिए सूचना न्यायिक दंडाधिकारी को देनी होगी है.

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