चक्रधरपुर : माल ढुलाई करने वाले एन-बॉक्स डिब्बों को लोडिंग और अनलोडिंग करने के दौरान क्षतिग्रस्त करने वाली कंपनियों पर रेलवे डैमेज चार्ज वसूलेगा. कंपिनयों से आने वाली खाली डिब्बों (एन-बॉक्स) की निगरानी हो रही है. कंपनियों से आने वाली रैकों की जांच करने में रेलखंडों के वरीय अनुभाग अभियंताओं और निगरानी टीम जुटी है. […]
चक्रधरपुर : माल ढुलाई करने वाले एन-बॉक्स डिब्बों को लोडिंग और अनलोडिंग करने के दौरान क्षतिग्रस्त करने वाली कंपनियों पर रेलवे डैमेज चार्ज वसूलेगा. कंपिनयों से आने वाली खाली डिब्बों (एन-बॉक्स) की निगरानी हो रही है. कंपनियों से आने वाली रैकों की जांच करने में रेलखंडों के वरीय अनुभाग अभियंताओं और निगरानी टीम जुटी है.
वहीं बिंदुआर नुकसान होने की रैकों की रिपोर्ट तैयार कर रही है. रेलवे बोर्ड को सूचना मिली थी कि कंपनियों से लोडिंग और अनलोडिंग में माल डिब्बे क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. इससे रेलवे बोर्ड ने कंपनियों से सख्ती बरतने और डैमेज चार्ज वसूल करने का आदेश दिया है.
संरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक है क्षतिग्रस्त डिब्बा. क्षतिग्रस्त डिब्बा को चलाना संरक्षा नियम के विरुद्ध है. डैमेज डिब्बे के दरवाजा चलने के दौरान निरंतर खुलना और बंद होता है. डिब्बा का दरवाजा खुलने और बंद होने के दौरान ओएचइ खंभे में टकराता है. इससे रैक बेपटरी होने के साथ बड़ी दुर्घटना की संभावना होती है.
रेलवे को भारी जानमाल का नुकसान होता है.
निरंतर घट रहा है एन-बॉक्स रैक. ढाई हजार रैक में अब दो हजार से भी कम रैक शेष है. इससे रेल मंडल में रैक की घोर किल्लत है, वहीं कंपनियों को रैक उपलब्ध नहीं हो रहा है. डिब्बा (एन-बॉक्स) क्षतिग्रस्त होने से और अधिक रैक में कमी आयी है. कंपनियों की लगातार एन-बॉक्स की मांग बढ़ रही है. इसके बावजूद रेलवे रैक मुहैया कराने में असमर्थ है. वहीं रेल मंडल को जरुरत के मुताबिक नया रैक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. इससे कंपनियों पर रैक को लेकर परेशानी बढ़ गयी है.
कैसे हो रहा रैक (वगैन) डैमेज. रैक (एन-बॉक्स) डिब्बा डैमेज के संदर्भ में बताया जाता है कि कंपनियों द्वारा रैक लोडिंग व अनलोडिंग करने में जेसीबी का इस्तेमाल कर रहे हैं. रेलवे की मानें, तो प्रति रैक में 58 वगैन एन बॉक्स होता है, इससे करीब 5 से 10 एन बॉक्स डैमेज हो रहे हैं. वहीं रैक डैमेज के अनुसार चार्ज वसूल करेगा.