शीन अनवर
चाईबासा : सिंहभूम संसदीय सीट पर कभी झारखंड पार्टी की तूती बोलती थी. 1952 से लेकर 1977 तक इसी पार्टी के सांसद रहे हैं. झापा से बागुन सुम्ब्रई भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. इसके बाद झारखंड पार्टी धीरे धीरे सिमटती चली गयी. इस पार्टी का चुनाव चिह्न नगाड़ा हुआ करता था. सिंहभूम संसदीय सीट पर भाजपा 1984 से चुनाव लड़ रही है. भारतीय जनसंघ की ओर से एमएल सोय पहली बार 1967 में चुनाव लड़े थे. वह दूसरे स्थान पर रहे थे. इसके बाद दो चुनावों में कोई पार्टी का प्रत्याशी नहीं रहा. 1996 में पहली बार चित्रसेन सिंकू ने भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की. फिर 1999 और 2014 में लक्ष्मण गिलुवा भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जीते.
कांग्रेस को चार बार जीत मिली है
1984 के चुनाव में पहली बार कांग्रेस को यह सीट मिली. बागुन सुंबरूई कांग्रेस को पहली बार जीत दिलाने में सफल रहे. इसके बाद 1989 में बागुन सुंबरूई फिर कांग्रेस की टिकट पर जीते. 1998 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विजय सिंह सोय ने जीत हासिल की. 2004 में फिर बागुन सुंबरूई कांग्रेस टिकट पर जीते. इस तरह कांग्रेस को चार बार इस सीट पर जीत हासिल हुई है.
वर्ष विजेता उप विजेता
1952 कानू राम देवगम (झापा) पूरणचंद्र बिरुआ (निर्दलीय)
1957 शंभू चरण (झापा) सिदिया हेम्ब्रम (निर्दलीय)
1962 हरिचरण सोय (झापा) लाखो बोदरा (कांग्रेस)
1967 के बिरुआ (निर्दलीय) एमएल सोय (जनसंघ)
1971 मोरन सिंह पुरती (झापा) देवेंद्र नाथ चंपिया (निर्दलीय)
1977 बागुन सुंबरूई (झापा) मोहन सिंह पूरति (कांग्रेस)
1980 बागुन सुंबरूई (जनता पार्टी) थियोडोर बोदरा (कांग्रेस)
1984 बागुन सुंबरूई (कांग्रेस) देवेंद्र मांझी (निर्दलीय)
1989 बागुन सुंबरूई (कांग्रेस) मंगल सिंह लमाये (जनता दल)
1991 कृष्णा मार्डी (झामुमो) मुंडा राधे सुंबरूई (भाजपा)
1996 चित्रसेन सिंकू (भाजपा) विजय सिंह सोय (निर्दलीय)
1998 विजय सिंह सोय (कांग्रेस) चित्रसेन सिंकू (भाजपा)
1999 लक्ष्मण गिलुवा (भाजपा) विजय सिंह सोय (कांग्रेस)
2004 बागुन सुंबरूई (कांग्रेस) लक्षमण गिलुआ (भाजपा)
2009 मधु कोड़ा (निर्दलीय) बड़कुंवर गागरई (भाजपा)
2014 लक्ष्मण गिलुवा (भाजपा) गीता कोड़ा (जेबीएपी)
बाहुबलियों का भी रहा था वर्चस्व
सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में बाहुबलियों का वर्चस्व रहा है. 1991 में एक ही दिन दोनों को चाईबासा में नामांकन पत्र दाखिल करना था. विजय सिंह सोय कांग्रेस से और कृष्णा मार्डी झामुमो से प्रत्याशी थे. नामांकन से पहले निकाले गये जुलूस में दोनों के समर्थकों का मजमा था. कोर्ट परिसर के करीब ही दोनों का जुलूस आमने-सामने हो गया था, जिसके बाद हंगामा मच गया. दोनों ओर से हवाई फायरिंग भी हुई.