चाईबासा : झारखंड-बिहार में वित्तीय वर्ष 2017-18 में 300 करोड़ रुपये कर की चोरी हुई. यह खुलासा एक सर्वे में हुआ है. उक्त बातें बुधवार को बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त केसी गुमरिया ने चाईबासा में पत्रकारों से कही.
वे पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा प्रखंड स्थित तांबों चौक में आयकर विभाग के कार्यालय का उदघाटन करने बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. पत्रकारों से बातचीत में केसी गुमरिया ने कहा कि बिहार-झारखंड में कुछ प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो कर का भुगतान नहीं करना चाहते हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ संसद ने आयकर एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
उन्होंने कहा कि बिहार-झारखंड में 2400 लोग ज्वाइंट एग्रीमेंट भरने के केस में पकड़े गए हैं. वहीं, कर चोरी करने के लिए कई प्रकार के नए कथकंडों का इस्तेमाल भी व्यापारियों द्वारा किया जा रहा है. कैपिटल गेम के कई ऐसे केस पश्चिमी सिंहभूम जिले में भी सामने आए हैं. यहां ज्वाइंट एग्रीमेंट के तहत कोल लेकर मॉर्केट में बेचा जा रहा है. ऐसे कई व्यापारियों का पता विभाग ने लगाया है. जो अपना व्यवसाय इस जिला में कर रहे हैं, लेकिन कोलकाता, दिल्ली, मुंबई आदि अन्य शहरों में रहकर सरकार को कर देने से बचना चाह रहे हैं. इन व्यापारियों पर विभाग ने नजर रखी हुई है.
कोलकाता से भी सेल के कई केस सामने आए हैं, जिसे लेकर विभाग पूरी तरह अलर्ट है. केसी गुमरिया ने कहा कि देवघर में दानपत्र के जरिये कर चोरी करने के मामले सामने आए हैं. ऐसे 400 से अधिक केस का पता पूरे बिहार-झारखंज में लगा है.
पश्चिमी सिंहभूम के 60 कर धारकों पर मुकदमा दायर
पश्चिमी सिंहभूम जिले के करीब 60 कर धारकों के खिलाफ कर जमा नहीं करने को लेकर विभाग द्वारा मुकदमा दायर किया गया है. वहीं नोटिस देने के बावजूद जिन्होंने विभाग को अपना जवाब नहीं दिया. रिर्टन नहीं भरा. उनपर जल्द केस फाइल किया जायेगा. कर धारक चाहें तो, नोटिस का जवाब ई-मेल के जरिये भी दे सकते हैं. उन्हें विभाग द्वारा ई-मेल से जवाब भेजा जाएगा.