चाईबासा : सर्पदंश के बाद अस्पताल जाने के बजाय झाड़-फूंक के चक्कर में काफी देर तक फंसे रहने के कारण हाटगम्हरिया प्रखंड की जामडीह पंचायत की मुखिया जानो मुंदुईया (22) की मौत हो गयी. घटना बुधवार सुबह करीब 5 बजे की है.
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झाड़-फूंक कराते ले गये अस्पताल, रास्ते में ही मौत
चाईबासा : सर्पदंश के बाद अस्पताल जाने के बजाय झाड़-फूंक के चक्कर में काफी देर तक फंसे रहने के कारण हाटगम्हरिया प्रखंड की जामडीह पंचायत की मुखिया जानो मुंदुईया (22) की मौत हो गयी. घटना बुधवार सुबह करीब 5 बजे की है. जानकारी के अनुसार, मुखिया सुबह घर से कुछ दूरी पर खुले में शौच […]
जानकारी के अनुसार, मुखिया सुबह घर से कुछ दूरी पर खुले में शौच करने गयी थीं. उसी समय सांप ने उनके पैर में डंस लिया. सांप के डंसने के बाद वह दौड़कर अपने घर आयीं और पति तथा अन्य सदस्यों को इसकी जानकारी दी. घर आने के बाद ही उनके मुंह से झाग निकलना शुरू हो गया. इसके बावजूद अस्पताल ले जाने के बजाय परिजनों ने ओझा-गुनी बुलाकर झाड़-फूंक कराना शुरू कर दिया. परंतु वह ठीक नहीं हुईं. हालत बिगड़ती देख सांप काटने के लगभग तीन घंटे बाद परिजन ओझा द्वारा झाड़-फूंक कराते हुए उन्हें सदर अस्पताल लेकर आये, जहां चिकित्सकों ने मुखिया को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों के अनुसार रास्ते में ही उनकी मौत हो चुकी थी.
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस जगह पर वह शौच करने गयी थीं, उस स्थान पर पूर्वजों की कब्र है. वहां अक्सर सांप निकलते रहते हैं. मुखिया की शादी झींकपानी थाना क्षेत्र के बिष्टुमपुर के बबलू मुंदुईया से हुई थी. उनका आठ माह का एक बेटा है.
आठ वर्षों में 1218 को सांप ने काटा, 170 की मौत
प सिंहभूम में पिछले दो दिनों में झाड़-फूंक व ओझा-गुनी के चक्कर में सर्पदंश के यह दूसरे मरीज की मौत है. हर वर्ष गर्मी आते ही सर्पदंश के मामले सामने आने लगते हैं. जिले में बीते आठ वर्षों में जिले में 1218 लोगों को सांप ने काटा, जिनमे 170 लोगों की मौत हो गयी. सर्पदंश से अधिक अंधविश्वास लोगों की जानें ले रहा. ग्रामीण झाड़-फूंक व टोटकों का सहारा लेते हैं. स्थिति बेहद खराब होने पर अस्पताल जाते हैं.
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