सांप काटने पर अस्पताल की बजाय झाड़-फूंक कराते हैं लोग
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सांप नहीं, अंधविश्वास ले रहा लोगों की जान
सांप काटने पर अस्पताल की बजाय झाड़-फूंक कराते हैं लोग झाड़-फूंक के चक्कर में सर्पदंश के मरीजों की जा रहीं जान आठ वर्षों में 1218 लोग सर्पदंश के शिकार, 170 की हुई मौत चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में अंधविश्वास के कारण हर वर्ष सैकड़ों जानें जाती हैं. इसे लेकर प्रशासन व कई संस्थाएं लगातार […]
झाड़-फूंक के चक्कर में सर्पदंश के मरीजों की जा रहीं जान
आठ वर्षों में 1218 लोग सर्पदंश के शिकार, 170 की हुई मौत
चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिले में अंधविश्वास के कारण हर वर्ष सैकड़ों जानें जाती हैं. इसे लेकर प्रशासन व कई संस्थाएं लगातार अभियान चला रही हैं, लेकिन कोई खास बदलाव नहीं हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग अंधविश्वास के जंजीरों में ऐसे जकड़ गये हैं, कि उन्हें छुड़ाना आसान नहीं है. जिले में हर वर्ष गर्मी आते ही सर्पदंश के मामले आते हैं. यहां सर्पदंश से अधिक अंधविश्वास लोगों की जानें ले रहीं है. ग्रामीण आज भी सर्पदंश के मामलों में झाड़-फूंक और टोटकों का सहारा लेते हैं. इस कारण उन्हें जान से हाथ धोना पड़ता है. हालांकि स्थिति बेहद खराब होने पर अस्पताल जाते हैं, लेकिन पहले अस्पताल जाने से कतराते हैं.
बीते दो दिनों में झाड़-फूंक में दो लोगों की हुई मौत : पिछले दो दिनों में झाड़-फूंक व ओझा-गुनी (अंधविश्वास) के चक्कर में सर्पदंश के दो मरीजों की मौत हो चुकी है. जबकि जिले के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटी स्नैक वेनम दवा उपलब्ध है. हाटगम्हरिया के जामडी पंचायत की मुखिया जानू मुदुइया (22) व तांतनगर प्रखंड के कदलबेड़ा के ग्रामीण मुंडा सह दिउरी एतंग आल्डा (53) की मौत सांप काटने के बाद अंधविश्वास में मौत हो गयी. जिले में बीते आठ वर्षों में 1218 लोगों को सांप ने काटा, इनमें से 170 लोगों की मौत झाड़-फूंक और टोटका के चक्कर में हुई.
जागरूकता के अभाव में जा रही जान: पश्चिमी सिंहभूम जिले की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में बसी है. ग्रामीण जागरूकता के अभाव में सर्पदंश के मामले में झाड़-फूंक व घरेलू उपचार को अधिक महत्व देते हैं.
सांप काटने पर घबरायें नहीं : कई लोगों को सांप काटने के नाम से घबराहट होने लगती है. कई बार भय से हार्ट अटैक हो जाता है. सांप के काटने पर घबराएं नहीं.
मरीज का लक्षण
व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होना
अत्याधिक नींद आना
अचानक सिर में तेज दर्द होना
आंखों का लाल होना
सीने में अकड़न व दर्द होना
शरीर में सूजन या जलन होना
शरीर का ठंडा पड़ने लगना
मसूढ़ों से रक्त का बहना
शरीर का धीरे-धीरे जकड़ना
तेज बुखार के साथ उल्टी होना
सांप से बचाव के उपाय
शाम के वक्त नीम की पत्ती जलाकर धुआं करें
जमीन पर न सोएं, हमेशा पलंग व खटिया का उपयोग करें
घर के आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें
घर व आसपास की दीवारों में बने बिलों को तत्काल बंद करें
घर में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रखें
रात में घर से निकलते समय टॉर्च साथ रखें
सीएचसी/सदर/अस्पताल में दवा की स्थिति
डिस्ट्रिक वेयर हाउस 250
सदर अस्पताल चाईबासा 100
सीएचसी सोनुवा 10
सीएचसी मझगांव 10
सीएचसी चक्रधरपुर 10
सीएचसी बड़ाजामदा 10
सीएचसी जगन्नाथपुर 20
सीएचसी टोंटो 10
सीएचसी झींकपानी 29
सीएचसी मंझारी 10
सीएचसी तांतनगर 10
सीएचसी मनोहरपुर 20
सीएचसी गोइलकेरा 10
सीएचसी खूंटपानी 10
सीएचसी बंदगांव 10
कुल 529
सांप कब काटता है
सांप को छेड़ने या नुकसान पहुंचने पर
सांप से किसी व्यक्ति के स्पर्श होने पर
किसी व्यक्ति के शरीर से विशेष गंध आने पर
सांप से विचलित व भयभीत होने पर
सांप काटने पर क्या करें
पीड़ित को तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं
झाड़-फूंक व अंधविश्वास से पूरी तरह बचें
जिस व्यक्ति को सांप ने काटा है उसे सोने न दें
पश्चिमी सिंहभूम में सर्पदंश के मामले
वर्ष सर्पदंश मौत
2011 61 17
2012 67 22
2013 258 38
2014 295 33
2015 276 27
2016 124 19
2017 75 09
2018 62 05
कुल 1218 170
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