चक्रधरपुर : चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में प्रसव के बाद एक प्रसूता को चाईबासा जाने के लिए सिर्फ इसलिए ममता वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया कि वह चक्रधरपुर की बजाय खूंटपानी प्रखंड की रहनेवाली है. महिला दो घंटे तक वहीं तड़पती रही. बाद में निजी एंबुलेंस से उसे भेजा गया. जानकारी के अनुसार, खूंटपानी प्रखंड के कोष्ठा गांव निवासी बिरसा होनहागा की पत्नी टिंगी होनहागा को रविवार शाम में प्रसव पीड़ा शुरू हुई.
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नहीं मिला ममता वाहन, दो घंटे तक तड़पती रही प्रसूता
चक्रधरपुर : चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में प्रसव के बाद एक प्रसूता को चाईबासा जाने के लिए सिर्फ इसलिए ममता वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया कि वह चक्रधरपुर की बजाय खूंटपानी प्रखंड की रहनेवाली है. महिला दो घंटे तक वहीं तड़पती रही. बाद में निजी एंबुलेंस से उसे भेजा गया. जानकारी के अनुसार, खूंटपानी प्रखंड के […]
उसे तत्काल एक निजी वाहन से अनुमंडल अस्पताल चक्रधरपुर में एडमिट किया गया. रात करीब दो बजे उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया. दोनों बच्चों का वजन बहुत कम होने के कारण उसकी विशेष देखभाल जरूरी थी, इसलिए चिकित्सकों ने उसे सदर अस्पताल चाईबासा रेफर कर दिया.
महिला गरीब है और चक्रधरपुर से अलग खूंटपानी प्रखंड की रहने वाली है. अलग प्रखंड होने के कारण उसे अस्पताल का ममता वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया. पीड़िता महिला की भाभी नीतू कोंडांगकेल ने इसकी जानकारी चक्रधरपुर के विधायक शशिभूषण सामड को दी. विधायक ने एक एंबुलेंस की व्यवस्था कर महिला को सदर अस्पताल चाईबासा भिजवाया. इस बीच करीब दो घंटे तक महिला सदर अस्पताल में ही तड़पती, कराहती रही.
विधायक ने जब अस्पताल प्रबंधन से ममता वाहन नहीं दिये जाने का कारण पूछा तो उन्हें बताया गया कि ममता वाहन को दूसरे प्रखंड में नहीं भेजने का नियम है.
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