फोटो: 6 एसआईएम: 6- भगवान श्रीराम, माता सीता व लक्षमण सहित बजरंग बली के रूप में बैठक श्रद्धालु, 7- उपस्थित श्रद्धालू प्रतिनिधि सिमडेगा. शहरी क्षेत्र के कुंजनगर बजरंगबली मंदिर परिसर में आयोजित रामकथा भंडारा के साथ संपन्न हो गया. प्रवचन के दौरान यहां राम दरबार की झांकी निकाली गयी. रावण वध और राम के राज्याभिषेक का प्रसंग सुनाते हुए कथा वाचक पंडित इंद्रशंकर झा ने कहा कि जब-जब धर्म के प्रति असुरों का अत्याचार बढ़ता है तब-तब भगवान मानव रूप में आकर सनातन धर्म की रक्षा करते हैं. भगवान ब्राम्हण धर्म की रक्षा के लिये असुरों का नाश कर पृथ्वी का भार कम करते हैं. उन्होंने कहा कि राम और कृष्ण दोनों मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर आकर धर्म की रक्षा करते हैं. जीवन में अगर हम भी अपने हृदय भवन में सीता सहित राम को धारण कर ले तो हमारा जीवन सफल हो जायेगा. जो प्रभु राम जी का कृपा पात्र बन जाता है उस पर सारे जगत की कृपा बरसाती है. संसार में बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जाए वह अच्छाई के सामने कभी टिक नहीं सकती. अच्छाई और सच्चाई की सदा ही विजय होती है. पापियों के पाप का घड़ा आखिर भरता ही है. उसके पाप ही उस व्यक्ति के अंत का कारण बन जाते है. भगवान पापियों का विनाश करते ही है. इसलिए व्यक्ति को सदा ही सत्यमार्ग पर ही चलना चाहिए. मानव जीवन पाया है तो मानव जीवन को साकार करने का एक मात्र सहारा राम का नाम ही है. रामचरित मानस भव्य अलौकिक और मानव जीवन उद्धार के लिए ही है. उन्होंने कहा कि राम के नाम का स्मरण करते रहना जीवन को सत्यमार्ग पर ले जाना है. कथा वाचक पंडित इंद्रशंकर झा ने श्रीराम कथा में राम का राज्याभिषेक के साथ राम की महिमा को गाया. जिसे सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए. कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व वार्ड पार्षद रामजी यादव, बजरंग रजक, धनजंय केसरी, सुमित सिंह, गोलू बड़ाईक, मुकेश प्रसाद, विनोद यादव के अलावा अन्य लोगों ने अहम भूमिका निभायी.
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