मामला नगर पंचायत का
सिमडेगा : नगर पंचायत में विकास कार्य तथा सामानों के क्रय हेतु नगर विकास द्वारा एक समिति का गठन किया गया है. जिसका उल्लेख सरकार द्वारा नगर पंचायत के लिये जारी किये गये मैनुअल बुक में भी है.
किंतु इधर कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नियमों को ताक पर रख कर एक वार्ड पार्षद को क्रय समिति का सदस्य बना दिया गया है. यह मामला वार्ड पार्षदों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. इधर अध्यक्ष ने कहा कि नगर विकास के नये नियमावली के तहत वार्ड पार्षदों को निविदा तथा क्रय समिति में नहीं रखा गया है.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हुई बोर्ड की बैठक में भी निविदा व क्रय समिति में वार्ड पार्षदों को शामिल करने को लेकर बात उठी थी, किंतु उस दिन भी नियमों का हवाला दे कर कहा गया कि नगर विकास द्वारा गठित समिति ही निविदा व क्रय समिति का कार्य देखेगी.
नगर विकास द्वारा जारी मैनुअल बुक के अनुसार निविदा व क्रय समिति में नगर पंचायत अध्यक्ष के अलावा कार्यपालक अभियंता, कार्यपालक पदाधिकारी, कोषागार पदाधिकारी को रखा गया है. किंतु इधर कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा नगर पंचायत नियमावली के विरुद्ध जा कर एक वार्ड पार्षद को क्रय समिति का सदस्य बना दिया.
वार्ड पार्षदों ने कहा कि 18 वार्ड पार्षदों में एक वार्ड पार्षद को गुपचुप तरीके सेक्रय समिति में रखने का औचित्य क्या है. इधर कुछ वार्ड पार्षदों ने भी कार्यपालक पदाधिकारी के इस कार्रवाई को गलत करार दिया है. इधर कार्यपालक पदाधिकारी गनौरी मोची यह नहीं बता पाये कि किस नियम के तहत वार्ड पार्षद को समिति का सदस्य बनाया गया है.