सिमडेगा : जिला परिषद कार्यालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में मिजल्स रूबेला पर बुधवार को कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में उपस्थित यूनिसेफ के पदाधिकारियों ने मिजल्स रूबेला के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी. इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ एजाज अशरफ ने कहा कि मिजल्स रूबेला वैक्सीन के प्रति जागरूकता लाने की जरूरत है. यह बच्चों को दिया जाने वाला वैक्सीन है. उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए जन प्रतिनिधियों का सहयोग जरूरी है. जन प्रतिनिधियों के माध्यम से ही हम शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.
इसी उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है, ताकि जन प्रतिनिधियों का सहयोग हमें प्राप्त हो. यूनिसेफ के पदाधिकारी पवन कुमार ने बताया कि बच्चों को मिजल्स रूबेला वैक्सीन देने का काम 26 जून से आरंभ किया जायेगा. एक लाख 75 हजार बच्चों को वैक्सीन देने का लक्ष्य है, जिसे पूरा करने में सभी वर्ग के लोगों का सहयोग जरूरी है. उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत खसरा तथा रूबेला के प्रति सुरक्षा प्रदान करने के लिए मिजल्स रूबेला का टीका आरंभ किया गया है. इसे स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से नौ माह से 15 साल तक के बच्चों को दिया जाना है. यह एक अभियान की तरह चलेगा
किंतु बाद में इसे नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया जायेगा. डीआरसीएचओ डॉ आनंद खाखा ने कहा कि खसरा एक जानलेवा रोग है, जो वायरस द्वारा फैलता है. वहीं रूबेला एक संक्रामक रोग है. यह भी वायरस से फैलता है. इसके भी लक्षण खसरा रोग जैसे ही होते हैं. इस मौके पर उपस्थित जन प्रतिनिधियों ने इस अभियान को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग करने का भरोसा दिलाया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से जिला परिषद बोर्ड के अध्यक्ष मेनोन एक्का, नगर परिषद अध्यक्ष पुष्पा कुल्लू, यूनिसेफ के निलेश कुमार, एविडेंस एक्शन संस्था के अमित मिश्रा, जिला कार्यक्रम समन्वयक हाकिम प्रधान, जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनिल बरला व समी आलम के अलावा जिला परिषद सदस्य, प्रमुख के अलावा अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे.