इसमें फसल, सब्जी, फल के साथ दुग्ध उत्पादन व मत्स्य उत्पादन के साथ करने से मनुष्य को पोषण की जरूरत को पूरा किया जा सकता है. वरीय वैज्ञानिक डॉ संजय कुमार ने व प्रमुख ने पोषण वाटिका की जानकारी देते हुए बताया कि कृषक समेकित कृषि प्रणाली के माध्यम से पोषण की आवश्यकता को पूरा कर सकते है.
साथ ही साथ किसान 2022 तक इस प्रणाली के माध्यम से अपनी आय को दोगुना कर सकते है. इसमें कृषि के अलावा अनुपूरक माध्यम से आय दोगुना कर सकते है. संगोष्ठी में विभिन्न अवयव में चयन के माध्यम से बकरी पालन, में सोमरा उरांव, मकरा उरांव ने 15 से 50 हजार, सब्जी उत्पादन में छरदे भगत्र, सोमरा, हापू उरांव, बालेश्वर उरांव ने 15 से 75 हजार व फल उत्पादन में घनश्याम रांव, दुंंदू भगत ने 25 हजार से 40 हजार रुपये तक वार्षिक आय अर्जित कर रहे है. मौके पर राजेंद्र गोप, डहरु उरांव, अटल बिहारी तिवारी, नीरज कुमार वैश्य, मृत्युंजय सिंह समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे.