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झारखंड का गौरव बना सरायकेला, इस मामले में बना नंबर- 1, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

Saraikela Award: सरायकेला-खरसावां जिले ने झारखंड का नाम रोशन किया है. “धरती आबा जनभागीदारी अभियान” में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपायुक्त नितिश कुमार सिंह को विज्ञान भवन, नयी दिल्ली में सम्मानित किया. यह सम्मान जनजातीय सशक्तिकरण और नवाचारी प्रशासनिक पहल की बड़ी पहचान है.

Saraikela Award, शचिंद्र कुमार दाश, (सरायकेला): सरायकेला-खरसावां जिले ने एक बार फिर राज्य का नाम रोशन किया है. भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की ओर से चलाए जा रहे “धरती आबा जनभागीदारी अभियान” में जिले ने देशभर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. इस उपलब्धि के लिए शनिवार को नयी दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपायुक्त नितिश कुमार सिंह को सम्मानित किया. कार्यक्रम के दौरान जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव भी मौजूद रहे. यह सम्मान सरायकेला-खरसावां जिले में जनजातीय सशक्तिकरण, सामुदायिक भागीदारी और नवाचारी प्रशासनिक पहल का परिणाम माना जा रहा है.

जनजातीय विकास का मॉडल बना सरायकेला

सरायकेला जिले में “धरती आबा जनभागीदारी अभियान” के तहत कई नवाचारी कदम उठाये गये. प्रशासन ने विकास योजनाओं के शत-प्रतिशत सैचुरेशन का लक्ष्य तय किया और उसे पूरा करने में जुट गया. जनजातीय इलाकों में सड़क, आवास, शिक्षा, पोषण, पेयजल और आजीविका के क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति हुई है. अब तक 199 डिजिटल लर्निंग सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं. वनाधिकार कानून के तहत 67 ग्राम पंचायतों के 311 गांवों में विभागीय कार्य पूरे किए गए हैं.

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शिक्षा, कौशल और स्वास्थ्य में बड़ा बदलाव

शिक्षा के क्षेत्र में सरायकेला में 1421 विद्यालय (818 प्राथमिक, 502 मध्य और 101 उच्च विद्यालय) संचालित हैं. साथ ही 1373 आंगनबाड़ी केंद्र और 28 छात्रावास जनजातीय बच्चों के लिए कार्यरत हैं. कौशल विकास योजनाओं में जिले ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत 5793 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया, जबकि राज्य कौशल मिशन के तहत 705 बैच में प्रशिक्षण दिया गया. स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में 14 पीएचसी और 8 सीएचसी के माध्यम से लोगों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है.

सीमित संसाधनों में बड़ा काम

सीमित संसाधनों के बावजूद सरायकेला-खरसावां ने यह साबित कर दिया है कि समर्पण, नये कदम और जनभागीदारी से भी विकास का मजबूत मॉडल खड़ा किया जा सकता है. इस उपलब्धि से न केवल जिले की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त हुई है, बल्कि यह हर नागरिक के लिए गर्व का विषय बन गया है.

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Sameer Oraon
Sameer Oraon
इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया से बीबीए मीडिया में ग्रेजुएट होने के बाद साल 2019 में भारतीय जनसंचार संस्थान दिल्ली से हिंदी पत्रकारिता में पीजी डिप्लोमा किया. 5 साल से अधिक समय से प्रभात खबर में डिजिटल पत्रकार के रूप में कार्यरत हूं. इससे पहले डेली हंट में भी बतौर प्रूफ रीडर एसोसिएट के रूप में भी काम किया. झारखंड के सभी समसमायिक मुद्दे खासकर राजनीति, लाइफ स्टाइल, हेल्थ से जुड़े विषय पर लिखने और पढ़ने में गहरी रूचि है. तीन साल से अधिक समय से झारखंड डेस्क पर काम किया. फिर लंबे समय तक लाइफ स्टाइल डेस्क पर भी काम किया. इसके अलावा स्पोर्ट्स में भी गहरी रूचि है.

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