सरायकेला. झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर संघ ने गुरुवार को जिला समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व कर रहे संघ के जिलाध्यक्ष संतोष मुखी ने बताया कि राज्य में आउटसोर्सिंग कर्मियों के लिए बनी नियमावली में संघ की मांग को समाहित नहीं किया गया है. कर्मचारियों के हित का ध्यान नहीं रखा गया है. संघ ने नियमावली में समान काम के बदले समान वेतन, 60 वर्ष तक सेवा, मध्यप्रदेश सरकार की तर्ज पर आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को ठेका प्रथा से मुक्त करते हुए संबंधित विभाग में समायोजित करने व कार्यरत विभाग में पद स्वीकृत करने की मांग की गयी. आंदोलन के तहत 15 जून को रांची के मोरहाबादी मैदान में महाधरना होगा. इसमें जिला से भी कर्मी शामिल होंगे.
नियमावली में अधिकतम पांच वर्ष सेवा का प्रावधान
कर्मियों ने कहा कि सरकार की नियमावली के अनुसार, किसी भी कर्मी की सेवा काल को अधिकतम 5 वर्ष रखा गया है. आउटसोर्सिंग कर्मियों की सेवा असुरक्षित हो गयी है. भविष्य में सरकार से किसी प्रकार के लाभ के लिए कोई दावा नहीं किए जाने का शपथ पत्र देने का प्रावधान है, जो कर्मचारियों के मौलिक अधिकार का हनन है. मौके पर शंभू महतो, मोंटी महतो, प्रदीप महतो, धर्मदेव यादव, हेमंत कुमार, तारा रानी, झुमा नंदी एवं पवन महतो सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

