खरसावां.
खरसावां प्रखंड के जोजोकुड़मा गांव में चैत्र पर्व पर छऊ नृत्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का उद्घाटन विधायक दशरथ गागराई ने किया. विधायक ने कहा कि छऊ नृत्य सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान है. छऊ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है. छऊ में जीवन का हर रंग देखने को मिलता है. विधायक ने कला व कलाकारों को प्रोत्साहित करने की बात कही. कार्यक्रम में छऊ नृत्य पिताकलांग की मंडली और छऊ नृत्य कला मंदिर जोजोकुड़मा के कलाकारों ने नृत्य पेश किया. इसके बाद कलाकारों ने सुभद्रा हरण, कालिया दामन, कश्मीर काली, जय मां मंगला, कारगिल, सावित्री सत्यवान, द्रौपदी स्वयंवर समेत पौराणिक तथ्यों पर आधारित कई नृत्य प्रस्तुत किया. मौके पर सुकरा महतो, बुधराम जामुदा, सुशील गागराई, यशवंत प्रधान, केदार प्रधान, दशरथ महतो, लखींद्र बेसरा, विश्वामित्र माहली, मुरारी महतो, मनोज माहली, दिलीप चांद महतो, मनहरी माहली आदि उपस्थित थे.चैत्र संक्रांति पर बाना गांव में छऊ नृत्य का आयोजन
चांडिल.
नीमडीह प्रखंड के बाना गांव में चैत्र संक्रांति व चड़क पूजा पर बीती रात से लेकर मंगलवार सुबह तक दो दलों के बीच नृत्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पश्चिम बंगाल के बड़ाबाजार के छऊ उस्ताद रंजीत कुमार महतो व बोड़ाम के छऊ उस्ताद विजय कुमार महतो की टीम ने छऊ नृत्य कर लोगों का मन मोह लिया. छऊ नृत्य देखने के लिए बाना, पितकी, रावताड़ा, सुकसारी, चांडिल स्टेशन बस्ती, भालूकोचा, लायाडीह आदि दर्जनों गांवों के ग्रामीणों देखने के लिए पहुंचे. इस अवसर पर जयदेव सिंह सरदार, कल्याण सिंह, बुद्धेश्वर महतो, भोला सिंह सरदार, निखिल महतो, विष्णु सिंह आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है