खरसावां.
कुचाई प्रखंड के अरुवां गांव में तीन दिवसीय वार्षिक चैत्र पर्व छऊ नृत्य का आयोजन किया गया. छऊ नृत्य में कुम्हार टोली व सरदार टोली के कलाकारों ने बारी-बारी से नृत्य प्रस्तुत किया. तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम में कलाकारों ने खरसावां शैली का छऊ नृत्य प्रस्तुत कर सतरंगी छंटा बिखेरी. कलाकारों ने पौराणिक कथाओं से लेकर सामाजिक तथ्यों पर आधारित विभिन्न थीमों पर नृत्य प्रस्तुत किया. कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से जीवन के हर उतार-चढ़ाव के साथ-साथ छऊ के विविध रंगों को रेखांकित किया. इस दौरान गांव के लोगों ने वर्षों से चली आ रही अपनी संस्कृति व परंपरा को आगे भी कायम रखने का संकल्प लिया.पौराणिक व सामाजिक थीम पर आधारित नृत्य ने दर्शकों का मन मोहा
अरुवां गांव में चैत्र पर्व छऊ नृत्य की शुरुआत गणेश वंदना से शुरू हुई. ढोलक, नगाड़ा व शहनाई की धुन पर कलाकार लय से लय मिला कर भंगिमाओं के सहारे नृत्य के भाव को प्रकट किया. कलाकारों ने छऊ नृत्य के माध्यम से प्रेम रस पर आधारित राधा-कृष्ण के शाश्वत प्रेम को देख दर्शक अभिभुत हुए. वहीं वीर रस पर आधारित महिषासुर वध को भी दर्शकों ने काफी सराहा. पौराणिक कथाओं पर आधारित नृत्य पेश किया. अरुवां में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित माखन चोरी, असत्य पर सत्य की जीत स्वरूप महिषासुर वध, राधा कृष्ण के प्रेम रस पर आधारित माया बंधन, रामायण के अश्वमेध यज्ञ पर आधारित लव-कुश, शिव महिमा आदि नृत्यों को दर्शकों ने खूब सराहा. झारखंड की शिकार परंपरा पर आधारित शबर नृत्य व दैनिक जीवन शैली पर आधारित होली नृत्य पेश कर कलाकारों ने दर्शकों का मन मोहा.117 वर्षों से हो रहा आयोजन
यहां पिछले 117 वर्षों से मेला व छऊ नृत्य का आयोजन हो रहा है. इस दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष सह उप प्रमुख सुखदेव सरदार, ग्राम प्रधान दुलाल स्वांसी, रमेश सरदार, नरेश सिंहदेव, बासुदेव सरदार, हरिचरण सरदार, विशकेशन कुम्हार, ठाकुर प्रमाणिक, सीताराम सरदार, अर्जुन सरदार, सोम कुम्हार, नागेश्वर पांडेय, रमाचंद्र मुंडा, शिबो कुम्हार आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

