सरायकेला.
प्रभात खबर द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत पाठकों के लिए नि:शुल्क कानूनी सलाह का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में शनिवार को कानूनी सलाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में सरायकेला बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष सह झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने लोगों के फोन कॉल के माध्यम से कानूनी सलाह दी. इसमें अधिकांश जमीन से जुड़े मामले थे. इसके अलावे लेबर एक्ट से संबंधित भी मामले आये. इस पर उन्होंने सलाह देते हुए समाधान के बारे में भी बताया. प्रस्तुत हैं पाठकों के सवाल व जबाव.सवाल :
मेरी खतियानी जमीन जो संयुक्त रूप से थी. वर्ष 1963 में कोर्ट के माध्यम से बंटवारा हुआ था. बंटवारा के बाद मेरे पास कोर्ट का किसी प्रकार का कागजात नहीं है. सत्यापित कॉपी के लिए कोर्ट गया था, परंतु नहीं मिल रहा है. क्या करें.सलाह :
वर्ष 1963 में आपका बंटवारा हुआ था. उस समय पश्चिम सिंहभूम के अंदर सरायकेला-खरसावां जिला था. जिला जज वहीं पर बैठते थे. आप चाईबासा में अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां आवेदन करें. आपको मिल सकता है. अनुप यादव, ईचागढ.सवाल
: मैं एक निजी संस्थान में काम करता हूं. वहां के सुपरवाइजर द्वारा मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है. कानून का सहारा ले सकते हैं कृपया सलाह दें. – उमेश कर, सरायकेला.सलाह :
आप निजी संस्थान में काम करते हैं तो आप पहले लेबर कार्यालय में आवेदन दें. वहां अपनी समस्या से अवगत कराएं. इसके अलावे डीएलसी जमशेदपुर में भी कार्यालय है. वहां भी आवेदन कर सकते हैं. चूंकि कंपनी का मामला है तो पहले वहां आवेदन दें. इसके बाद आप अदालत में भी रिट दायर कर सकते हैं.सवाल :
1964 में मेरे पिता द्वारा खरसावां में जमीन खरीदी गयी थी. इसका म्युटेशन भी हो गया है. खरसावां अंचल कार्यालय में ऑनलाइन नहीं चढाया गया है. बार-बार आवेदन देने के बावजूद भी काम नहीं हो रहा है. कानूनी सलाह दें. -रवींद्र मोदक, खरसावांसलाह :
आप अपनी जमीन का पूर्ण कागजात तैयार कर सीओ से मिलें. अगर काम नहीं होता है, तो डीसी व एलआरडीसी के न्यायालय में अधिवक्ता के माध्यम से आवेदन दें. आपकी जमीन ऑनलाइन चढ़ जायेगी.सवाल
: पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत प्रशिक्षण लिया हूं. स्वरोजगार के लिए ऋण लेना चाहता हूं. इसके लिए ब्लॉक कार्यालय से लेकर बैंक तक का चक्कर काट चुका हुं. बैंक वाले बोलते हैं इससे कुछ नहीं होगा. ब्लॉक में भी संतोषजक जबाव नहीं मिलता है. कानून का सहारा ले सकता हूं. – प्रेमचंद्र प्रमाणिक, सोनुआसलाह :
आप प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के साथ डीसी को आवेदन दें. साथ ही विभिन्न ऋण योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन जमा करें. आपको जरूर लोन मिलेगा. सरकार द्वारा मुद्रा योजना के तहत 10 लाख तक का ऋण देने का प्रावधान बैंकों को है. आपको लाभ मिलेगा.सवाल :
हमारी पुश्तैनी जमीन जो अब्दुल सेटेलमेंट के समय हमारे नाम पर था, लेकिन वर्ष 1964 में जो सेटेलमेंट हुआ उस समय किसी दूसरे के नाम पर चढ़ गया है. सेटेलमेंट में कैसे चढ़ा है इसकी जानकारी जिनके नाम पर चढ़ा है, उनके पास कोई कागजात नहीं है. हम कैसे जमीन को वापस ले सकते हैं. – महेंद्र नाथ मुर्मू, केंदमुंडी, राजनगर.सलाह :
आपके पास जमीन के कागजात हैं, तो आप इसके लिए कोर्ट का शरण ले सकते हैं.सवाल :
पीढ़ियों से घर बनाकर परती जमीन पर रह रहे हैं, परंतु हमलोगों को हाल के दिनों में पता चला कि गांव के मुखिया द्वारा उक्त परती जमीन को अपने नाम पर करा लिया गया है. अब मुखिया द्वारा कहा जा रहा है यह जमीन हमारी है क्या करें. – लादुरा मेलगांडी, चक्रधरपुरसलाह :
पहले यह पता करें कि वह जमीन अनाबाद सरकार का है या किसी रैयती का है. इसके बाद आप जो पीढ़ियों से रह रहे हैं और आप भूमिहीन हैं तो उसका प्रमाण देते हुए अंचल कार्यालय में पट्टा के लिए आवेदन करें तो आपको पट्टा मिलेगा.सवाल :
मेरी जमीन एग्रीमेंट किये हुए पांच वर्ष हो गये हैं. अब उसमें से 75 डिसमिल जमीन बेचना चाहते हैं. बेच सकते हैं कि नहीं.सलाह :
जमीन आपकी है. आप उसका लगान भरते हैं तो निश्चित रूप से बेच सकते हैं. आप जो एग्रीमेंट किये हैं वह एग्रीमेंट का समय सीमा खत्म हुआ कि नहीं देख लें. इसके पश्चात बेच सकते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है