खरसावां. कुचाई के लेप्सो गांव में रविवार को ग्रामसभा व सामुदायिक वन पालन समिति की ओर से चौथा वनाधिकार पत्थलगड़ी स्थापना दिवस मनाया गया. गांव के पाहन सह ग्राम मुंडा मंजूरा मुंडा ने शिलापट्ट स्थल पर पारंपरिक रूप से पूजा की. इस दौरान ग्रामसभा ने सामूहिक रूप से वन संसाधनों का संरक्षण, पुनर्जीवित, और प्रबंधन करने का निर्णय लिया. साथ ही जैव विविधताओं के साथ जल स्रोतों का संरक्षण व प्रबंधन और वनोपज के प्रसंस्करण व विपणन करने की बात कही.
90 के दशक में क्षेत्र के वन संसाधनों का जमकर दोहन हुआ :
सामुदायिक वन पालन संस्थान के केंद्रीय सदस्य सोहन लाल कुम्हार ने ग्राम सभा, सामुदायिक वन संसाधन प्रबंधन समिति व वनाश्रित महिला समूहों को सशक्तीकरण करने का सुझाव दिया. कुम्हार ने कहा कि वनों से हमारा अस्तित्व जुड़ा हुआ है. हर हाल में वनों की रक्षा करनी होगी. ग्रामसभा लेप्सो के सचिव मनोज मुदुइया ने कहा कि 90 के दशक में क्षेत्र के वन संसाधनों का जमकर दोहन हुआ. लेप्सो क्षेत्र के जंगल से लकड़ियों के साथ साथ बड़े पैमाने पर कायनाइट के पत्थर बाहर भेजे जाते हैं. वर्तमान में ग्राम सभा की पहल पर वन संसाधनों को संरक्षण किया गया. उन्होंने कहा कि क्षेत्र के जंगलों को बचाने के लिए लोगों में जागरुकता लाने में सोहन लाल कुम्हार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. भरत सिंह मुंडा ने कहा कि सीएफआरएमसी समिति को मजबूत करना होगा. बताया कि वर्ष 2020 में झारखंड सरकार ने वन अधिकार कानून 2006 के तहत लेप्सो ग्रामसभा को कुल 306 एकड़ 71 डिसमिल वन भूमि पर सामुदायिक पट्टा मिला है. अब धीरे धीरे वनों का घनत्व भी बढ़ रहा है. मौके पर रामगढ़ के रमेश मुर्मू, भरत सिंह मुंडा, रतन लाल सोय, सुनील सोय, मजुरा मुंडा, गोविंद सोय, रमेश माझी, गोपीनाथ सोय, प्रेम कुमार महतो आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

