राजनगर. डुमरडीहा पंचायत भवन में तसर कीटपालकों के लिए आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को संपन्न हुआ. प्रशिक्षण में किसानों को तसर कीटपालन की आधुनिक तकनीक, रोग प्रबंधन, अंडा संरक्षण, कीट संवर्धन और रेशम उत्पादन की व्यावहारिक जानकारी दी गयी. डुमरडीहा पंचायत के चापड़ा और बुरुडीह गांवों में वर्ष 2020-21 में मनरेगा योजना के अंतर्गत 13 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर अर्जुन पौधों का पौधरोपण किया गया था. अब पौधे तैयार हो चुके हैं और इस क्षेत्र में तसर पालन की बड़ी संभावनाएं विकसित हो रही हैं. प्रशिक्षण खरसावां तसर केंद्र के मास्टर ट्रेनर द्वारा दिया गया. किसानों को अर्जुन पौधों पर तसर कीट के पालन, समय पर बीजारोपण, उचित देखरेख, रोग से बचाव और बेहतर उत्पादन के उपायों की जानकारी दी गयी. साथ ही तसर रेशम के आर्थिक महत्व और बाजार संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गयी. कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रथम बैच के प्रशिक्षित किसानों को प्रमाण पत्र प्रदान दिये गये. किसानों ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से उन्हें नयी तकनीक सीखने और आमदनी बढ़ाने की दिशा में वास्तविक सहायता मिलेगी. बीपीओ मनोज तियु ने कहा कि मनरेगा के तहत विकसित तसर परियोजना ग्रामीणों के लिए रोजगार का सशक्त साधन बन सकती है. वहीं खादी पार्क के मो. जावेद ने तसर रेशम को ग्रामीण आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम बताया. मौके पर पंचायत सचिव रौशन, रोजगार सेवक मनोज साहू, ट्रेनर पप्पू प्रधान, सीमा तिर्की, नखाई महतो, राजकिशोर महतो सहित कई पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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