सरायकेलासरायकेला-खरसावां जिले के मध्याह्न भोजन संचालित सरकारी विद्यालयों में अब पौष्टिकता से भरपूर मोरिंगा (सहजन) के पौधे लगाए जाएंगे. इन पौधों से प्राप्त साग, फल और फूल को मध्याह्न भोजन में शामिल कर उसे और अधिक पौष्टिक बनाया जाएगा. सहजन के पौधों को वैज्ञानिक तरीके से लगाने की जानकारी शिक्षकों को दी जाएगी, ताकि वे प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने विद्यालय परिसर में इसे प्रभावी ढंग से उगा सकें. इस पहल के तहत डीएसइ कैलाश मिश्रा ने जिले के 10 शिक्षकों को ””मास्टर ट्रेनर”” के रूप में प्रतिनियोजित किया है, जो अन्य शिक्षकों को वैज्ञानिक विधियों से सहजन लगाने का प्रशिक्षण देंगे. उक्त सभी मास्टर ट्रेनर झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की ओर से 16 मई को एमडीआइ बिल्डिंग धुर्वा में आयोजित होने वाले मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण में भाग लेंगे.
मास्टर ट्रेनर जिले के शिक्षकों को देंगे प्रशिक्षण:
डीएसइ कैलाश मिश्रा ने बताया कि सरकारी विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा देने के साथ उन्हें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत पौष्टिक भोजन भी उपलब्ध कराया जाता है. सहजन में प्रचूर मात्रा में विटामिन पायी जाती है. इसके पत्ते, फूल व फल लाभदायक होते हैं. बच्चों के मध्याह्न भोजन के मेन्यु में भी मोरिंगा के पत्ते का उपयोग शामिल किया गया है. मोरिंगा के प्रचूर मात्रा में उपलब्धता को लेकर सभी विद्यालयों में पौधे लगाने का निर्देश दिया था. लेकिन पौधे लगाने की वैज्ञानिक तरीके की जानकारी नहीं होने के कारण बहुत से विद्यालयों में सफलता नहीं मिली. डीएसइ ने बताया कि मध्याह्न भोजन प्राधिकरण रांची की ओर से शिक्षकों को मोरिंगा के पौधे लगाने के वैज्ञानिक तरीकों की जानकारी दी जानी है. इसके लिए जिले के दस शिक्षकों को प्रशिक्षण लेने के लिए प्रतिनियोजित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है