खरसावां. खरसावां के कुम्हारसाही स्थित मां त्रिपुर सुंदरी (मां तारा) का वन भोज (पुषालु) भक्तिभाव और हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ. मान्यता के अनुसार, प्रत्येक वर्ष मां तारा एक दिन के लिए वन भोज के लिए जाती हैं. भक्तों को इस आयोजन का वर्षभर इंतजार रहता है. पुजारी विमला षाड़ंगी ने अन्य पंडितों के साथ मां त्रिपुर सुंदरी की प्रतिमा को मंदिर से विधिवत रूप से निकाल कर टुनियाबाड़ी स्थित सोना नदी तट के समीप जंगल में ले जाया गया. वहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देवी की पूजा-अर्चना की गयी और खीर-खिचड़ी सहित विभिन्न प्रसाद अर्पित किये गये.
पूजा के उपरांत मां की प्रतिमा को पुनः
मंदिर लाकर विधिवत स्थापित किया गया.भक्तों ने की पूजा-अर्चना, मांगी मन्नतें: वन भोज पर सैकड़ों श्रद्धालु मां के दर्शन और प्रसाद ग्रहण करने पहुंचे. पूजा संपन्न होने के बाद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इस अवसर पर पारंपरिक विधि-विधान के अनुसार सभी रस्में निभायी गईं. स्थानीय मान्यता है कि वन भोज के दिन मां त्रिपुर सुंदरी के समक्ष मांगी गयी मन्नत अवश्य पूरी होती है. यह आयोजन पूरे खरसावां क्षेत्र की मंगलकामना के लिए किया जाता है और इसे दो सौ वर्षों से भी अधिक समय से निरंतर आयोजित किया जा रहा है. मौके पर षाड़ंगी परिवार के सदस्य राजगुरु षाड़ंगी, अभया षाड़ंगी, विमला षाड़ंगी, रंजीत षाड़ंगी, सुशील षाड़ंगी, जयजीत षाड़ंगी, सुजीत षाड़ंगी, सुरत षाड़ंगी, सुशांत षाड़ंगी, सुभाष षाड़ंगी, कार्तिक षाड़ंगी, सूर्य नारायण षाड़ंगी, अभिषेक षाड़ंगी, मनोरंजन मिश्रा, अंकित मिश्रा, मनीष मिश्रा, राम गोविंद मिश्रा, किशोर षाड़ंगी सहित श्रद्धालु उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

