सरायकेला.
केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा का नाम बदलने के विरोध में जिला कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को जिलाध्यक्ष राज बागची की अध्यक्षता में जिला मुख्यालय परिसर में धरना सह विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर गरीबों, किसानों और मजदूरों के अधिकारों को कमजोर करने का आरोप लगाया.धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष राज बागची ने कहा कि भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर न केवल महात्मा गांधी का अपमान किया है, बल्कि उनकी विचारधारा और विरासत को मिटाने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि यह सरकार का गरीब, किसान और मजदूर विरोधी कदम है, जिससे 100 दिन के रोजगार की गारंटी पर संकट खड़ा हो गया है. बागची ने कहा कि नाम परिवर्तन से राज्यों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ेगा और ग्रामीण मजदूरों को रोजगार के अवसरों में कमी आयेगी.देश में बेरोजगारी और पलायन बड़ी चुनौती : सांसद प्रतिनिधि सूरज महतो ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश गरीबी, बेरोजगारी और पलायन जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, लेकिन भाजपा सरकार केवल योजनाओं के नाम बदलने में व्यस्त है. धरना के उपरांत कांग्रेस नेताओं ने उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपा. कार्यक्रम में प्रदेश सचिव देबु चटर्जी, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रमेंद्र मिश्रा, महिला कांग्रेस अध्यक्ष संगीता प्रधान, राणा सिंह, मो. मुर्तेज, सुशील सिंह, खिरोद सरदार सहित कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे. मौके पर अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष तसलीमा मल्लिक, रिजवान खान, फागु मुंडा, कोंदो कुम्हार, मानसिंह मुंडा, राहुल मुदी, डोमन महतो, जगबंधु महतो, लालमोहन महतो, विपत तारण महतो, राजाराम महतो, राजा राम पाड़िया, कृष्णा सोय, कन्हैयालाल सामद और सौरभ तांती भी शामिल हुए.
भाजपा की सोच गरीब विरोधी : छोटराय किस्कु
प्रदेश कांग्रेस सचिव छोटराय किस्कु ने कहा कि मनरेगा का नाम बदलना भाजपा की गरीब विरोधी सोच को उजागर करता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय मनरेगा मजदूरों की जीवनरेखा थी, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्थिरता दी थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

