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बंद कंपनी खुले तब नयी की बात हो : चंपई

बंद कंपनी खुले तब नयी की बात हो : चंपईविस्थापन : रैयतदारों के हित में विकास की वकालतआदित्यपुर. झारखंड सरकार पहले बंद पड़ी कंपनियों को खुलवाये और इसके बाद ही नयी कंपनी की स्थापना के लिये भूमि अधिग्रहण के लिये विचार करे. उक्त बातें राज्य के पूर्व मंत्री सह सरायकेला के विधायक चंपई सोरेन मीडिया […]

बंद कंपनी खुले तब नयी की बात हो : चंपईविस्थापन : रैयतदारों के हित में विकास की वकालतआदित्यपुर. झारखंड सरकार पहले बंद पड़ी कंपनियों को खुलवाये और इसके बाद ही नयी कंपनी की स्थापना के लिये भूमि अधिग्रहण के लिये विचार करे. उक्त बातें राज्य के पूर्व मंत्री सह सरायकेला के विधायक चंपई सोरेन मीडिया के समक्ष कही. उन्होंने कहा कि अकेले सरायकेला-खरसावां जिले में एक दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी कंपनियां बंद हो चुकी है और कई बंदी के कगार पर है. इन्हें पुनर्जीवित करने का प्रयास होना चाहिए. सरकार जमीन अधिग्रहण का विचार छोड़ दे, क्योंकि उनके विस्थापितों का क्या हाल है सब जानते हैं. जीवनभर विस्थापन का दर्द झेल रहे विस्थापित किसी कीमत में सरकारी जमीन पर भी उद्योग लगाने नहीं देंगे. श्री सोरेन ने बताया कि आयडा द्वारा राजनगर के जामडीह में जो जमीन लेने की बात कही जा रही है वह आदिवासियों का पूजा स्थल है.सहमति से बने पुल व हवाई अड्डाविधायक श्री सोरेन ने कहा कि आम जनता की सहमति से विकास के कार्य हों. नदियों पर जहां जरूरत हो वहां पुल बने. हवाई अड्डा का भी निर्माण हो, लेकिन रैयतदारों को परेशानी न हो. ईचा डैम के निर्माण के विरोध के सवाल पर उन्होंने सवाल किया कि डेढ़ सौ गांवों को डुबा कर डैम बनेगा तो सिंचाई कहां होगी? डैम से उडि़सा व पश्चिम बंगाल में सिंचाई होगी. क्या यही दिन देखने के लिये विकास होगा.राज्य व केंद्र सरकार उम्मीद नहींश्री सोरेन ने कहा कि झारखंड व केंद्र की सरकार से कोई उम्मीद नहीं किया जा सकता है. भाजपा की सरकारें सपनों का सौदागर बनी हुईं हैं. कोई काम नहीं हो रहा है. जनता को सिर्फ आश्वासन मिल रहा है.

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