खरसावां.
विधायक दशरथ गागराई ने खूंटपानी के बड़ाचीरू स्थित ग्रामीण कल्याण अस्पताल में आइपीडी सेवा शुरू करने संबंधित सवाल उठाये. इस पर लिखित जवाब में कहा गया कि इस अस्पताल में सिर्फ फिलहाल ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) सेवा उपलब्ध है. राज्य में संचालित 16 में से दस ग्रामीण कल्याण अस्पतालों में आइपीडी (अंतः रोगी विभाग) व छह में ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) की सेवाएं दी जा रही है. विधायक के एक सवाल पर सरकार की ओर से बताया गया की बड़ाचीरू के ग्रामीण कल्याण अस्पताल में आइपीडी सेवा शुरू करने के लिए पश्चिमी सिंहभूम जिले को 50 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करा दी गयी है.आइपीडी सुविधा वाले ग्रामीण कल्याण अस्पताल
कल्याण अस्पताल काठीकुंड (दुमका), कल्याण अस्पताल नाला (जामताड़ा), कल्याण अस्पताल, कुचाई (सरायकेला-खरसावां), कल्याण अस्पताल, जोन्हा (रांची), कल्याण अस्पताल, लिट्टीपाड़ा (पाकुड़), कल्याण अस्पताल, पतना (साहेबगंज), कल्याण अस्पताल, अड़की (खूंटी), कल्याण अस्पताल, बत्तारडीह (लोहरदगा), कल्याण अस्पताल, बहरागोड़ा (पूर्वी सिंहभूम), कल्याण अस्पताल, तिगड़ा, रातू (रांची).
ओपीडी सुविधा वाले ग्रामीण कल्याण अस्पताल
कल्याण अस्पताल, मननचोटांग (लातेहार), कल्याण अस्पताल, बानो (सिमडेगा), कल्याण अस्पताल, नागफेनी (गुमला), कल्याण अस्पताल, लोदोडीह, चक्रधरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), कल्याण अस्पताल, बड़ाचीरू, चाईबासा (पश्चिमी सिंहभूम), कल्याण अस्पताल, गांदो (दुमका)
विस में जिला भूमि संरक्षण विभाग का मामला उठाया
खरसावां.
खरसावां विधायक दशरथ गागराई ने गुरुवार को विधानसभा में जिला भूमि संरक्षण विभाग व बड़ाचीरू स्थित कल्याण अस्पताल का मुद्दा उठाया. विधायक के तारांकित प्रश्नों पर सरकार की ओर से लिखित उत्तर दिया गया है. कहा गया कि जिला में जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी का पद सृजित नहीं होने से जिले का काम पूर्वी सिंहभूम जिले के कार्यालय से संचालित किया जाता है. इस कारण जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन और अनुश्रवण में काफी परेशानी होती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है