India Steel Import Tariff: भारत सरकार ने चीन से तेजी से बढ़ रहे सस्ते स्टील आयात को रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है. मंगलवार को सरकार ने चुनिंदा स्टील उत्पादों के आयात पर तीन साल के लिए सेफगार्ड ड्यूटी लगाने का ऐलान किया. भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा स्टील उत्पादक देश है, लंबे समय से कम कीमत वाले आयात के कारण घरेलू स्टील उद्योग पर बढ़ते दबाव को लेकर चिंतित रहा है. सरकार का कहना है कि सस्ते और घटिया गुणवत्ता वाले आयात से घरेलू कंपनियों को नुकसान पहुंच रहा है.
तीन वर्षों में चरणबद्ध शुल्क, कुछ देशों को छूट
सरकारी अधिसूचना के मुताबिक यह आयात शुल्क पहले साल 12 प्रतिशत, दूसरे साल 11.5 प्रतिशत और तीसरे साल 11 प्रतिशत होगा. यह ड्यूटी कुछ विकासशील देशों से आने वाले आयात पर लागू नहीं होगी, लेकिन चीन, वियतनाम और नेपाल से आने वाले स्टील उत्पाद इसके दायरे में आएंगे.
वहीं, स्टेनलेस स्टील और अन्य विशेष स्टील उत्पादों को इस फैसले से बाहर रखा गया है. इससे पहले अप्रैल 2025 में सरकार ने सभी देशों से स्टील आयात पर 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी शुल्क लगाया था, जिसकी अवधि नवंबर 2025 में समाप्त हो गई थी.
DGTR की सिफारिश और वैश्विक व्यापार तनाव की पृष्ठभूमि
वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) ने जांच में पाया कि हाल के समय में स्टील आयात में अचानक, तेज और असामान्य बढ़ोतरी हुई है, जिससे घरेलू उद्योग को गंभीर नुकसान का खतरा है. इसी आधार पर DGTR ने तीन साल की ड्यूटी की सिफारिश की थी. इस मुद्दे को लेकर इंडियन स्टेनलेस स्टील डेवलपमेंट एसोसिएशन ने अगस्त 2025 में याचिका भी दाखिल की थी.
भारत का यह कदम ऐसे समय आया है जब अमेरिका द्वारा स्टील पर टैरिफ लगाए जाने के बाद चीनी स्टील का रुख अन्य बाजारों की ओर बढ़ गया है, जिससे दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे देशों ने भी चीनी स्टील पर एंटी-डंपिंग शुल्क लगाया है.
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