खरसावां : जल संसाधन विभाग के जल पथ प्रमंडल-4 द्वारा संचालित सोना जलाशय योजना (केरकेट्टा डैम) का समुचित लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है. खेतों तक आवश्यकता अनुसार सिंचाई पानी नहीं पहुंच रहा है. इसका कारण है नहर की देखरेख का अभाव. डैम में मिट्टी-बालू भर जाने से सोना सिंचाई योजना की क्षमता आधी से भी कम हो गयी है. एक दशक पूर्व तक सोना नहर से खरसावां, कुचाई व सरायकेला प्रखंड तक के किसानों को पर्याप्त पानी मिलता था,
लेकिन यह अब कुछ ही गांवों तक सीमित रह गया है. 2003 के बाद से डैम व नहरों की साफ-सफाई नहीं हुई है. 2003 में मुख्य नहर के साथ-साथ करीब 50 फीसदी शाखा नहरों का पक्कीकरण किया गया था. बारिश के मौसम में शुरु सिंचाई योजना की सिंचाई क्षमता 75 गांवों के 10,200 हेक्टेयर जमीन की है. लेकिन केरकेट्टा डैम में बालू-मिट्टी भरने तथा नहरों की स्थिति खराब होने के कारण ही पिछले साल बारिश के दिनों में 50 गांवों तक भी पानी नहीं पहुंच सका था. इस नहर की सिंचाई क्षमता सात हजार हेक्टेयर से भी कम रह गयी है.