तालझारी. प्रखंड अंतर्गत करणपुरा पंचायत के कालाझोर गांव की सबसे बड़ी समस्याएं पेयजल और सड़क से जुड़ी हैं. ग्रामीण सरिता देवी, मरांगमय किस्कू, होपनमय हांसदा, कदरू मुर्मू, ताला मुर्मू, ताला हांसदा, लिलमुनी हेम्ब्रम, बांगी हांसदा सहित अन्य लोगों ने बताया कि गांव में लगभग 40 घर हैं और कुल आबादी करीब 200 लोगों की है. गांव में एकमात्र चापानल है, लेकिन उसके पानी में आयरन की अधिकता के कारण लोग उसका उपयोग नहीं करते. वहीं, गांव के नीचे लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर झरने के पास एक कुआं स्थित है, और ग्रामीणों को अपनी प्यास बुझाने के लिए उसी पर निर्भर रहना पड़ता है. उस कुएं तक पहुंचने के लिए एक नाले को पार करना होता है, जिसे ग्रामीण बिजली के पोल का सहारा लेकर पार करते हैं. इससे हमेशा एक डर बना रहता है. अभी नाला सूखा है, इसलिए परेशानी कम है, लेकिन बारिश के मौसम में नाले में पानी भर जाता है और उसे पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि गांव के ऊपरी हिस्से में कई वर्षों से पानी की टंकी का निर्माण कार्य जारी है, लेकिन यह अब तक अधूरा है. यह स्पष्ट नहीं है कि पानी की आपूर्ति कब तक शुरू हो पायेगी. वहीं दूसरी ओर, गांव तक पहुंचने के लिए जो सड़क है, वह जर्जर और उबड़-खाबड़ है. करणपुरा मुख्य सड़क से कालाझोर तक लगभग दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर ऐसी ही हालत वाली सड़क है, जिस पर लोगों को रोजाना आना-जाना करना पड़ता है. बरसात के समय इस सड़क पर चलना और भी कठिन हो जाता है. पंचायत के निखिल यादव ने बताया कि करणपुरा पंचायत के अधिकांश गांव पहाड़ी और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में स्थित हैं, जिसके कारण गर्मी शुरू होते ही पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है. पूरे पंचायत में 12 चापानल ऐसे हैं जो खराब हैं, कहीं पाइप में रिसाव है, तो कहीं पाइप की कमी के कारण चापानल बेकार हो गये हैं. मरम्मत के लिए विभाग को सूचित किया गया है. पंचायत क्षेत्र में लगभग 50 कुएं हैं, लेकिन इनमें से केवल 20 कुओं का ही उपयोग ग्रामीण कर पा रहे हैं, बाकी 30 कुएं पूरी तरह निष्क्रिय पड़े हैं.
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