राजमहल/मंगलहाट. राजमहल प्रखंड क्षेत्र के कन्हैयास्थान स्थित कनाई नाट्यशाला (इस्कॉन मंदिर) शुक्रवार की देर रात भगवान श्रीकृष्ण के प्राकट्य के साथ ही हरे कृष्ण, हाथी-घोड़ा पालकी, जय कन्हैयालाल की.. से गुंजायमान होता रहा. शनिवार की सुबह से लेकर देर शाम तक पूजा-अर्चना होती रही. पुरोहितों ने मंगल आरती की. गुरु पूजन, कृष्ण कथा, दोपहर में भोग, निवेदन भोग, भजन कीर्तन व हवन किया. भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी मनाने को लेकर आसपास के क्षेत्र के अलावा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल के मालदा जिला, मायापुर, मुर्शिदाबाद, बिहार के पटना, भागलपुर, पीरपैंती समेत अन्य विभिन्न जिलों से हजारों-हजार की संख्या में कृष्ण भक्त व श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से लेकर देर शाम तक पहुंच ही रहे थे. भगवान कृष्ण को झूले पर झुलाने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. मौके पर पश्चिम बंगाल व झारखंड के कलाकारों द्वारा विभिन्न भगवान का बाल रूप व वेशभूषा धारण कर एक से बढ़कर एक भक्ति गीत, संगीत व नृत्य कार्यक्रम प्रस्तुत किया. सुरक्षा की दृष्टि से राजमहल थाना में दर्जनों पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. मंदिर प्रबंधक कृष्ण कृपा सिंधु ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया गया. भगवान श्रीकृष्ण की मध्य रात्रि को महाआरती कर भगवान को 108 प्रकार के भोग लगाये. 10:00 बजे भगवान श्रीकृष्ण की पुरोहितों द्वारा मंत्रोच्चारण कर पंचामृत से शुद्धि स्नान कराते हुए गंगा जल, दूध, दही, घी, चंदन, पान का पत्ता, धूप, फूल, गंध, बेलपत्र, कपूर, मिठाई, फल, शहद, मेवा, गुलाब जल, पंचामृत, गन्ने का रस, नारियल का पानी, चंदन पानी, गंगाजल, सुपारी और नारियल आदि अन्य सामग्रियों से महाभिषेक करने के बाद महाआरती हुई. आज रविवार की सुबह से लेकर शाम तक पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन, मंगल आरती, गंगा पूजन, मंदिर परिक्रमा व नगर संकीर्तन के साथ कृष्ण कृपामूर्ति भक्तिवेदांत स्वामी श्रील प्रभुपाद का जन्मदिवस व नंद उत्सव धूमधाम से मनाया जायेगा.
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