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रेलवे स्टेशन के किनारे चल रहे अवैध क्रशर

विडंबना . सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहे क्रशर संचालक, नहीं होती कार्रवाई खनन विभाग के नियम के अनुसार रिहायसी इलाकों से कम से कम 250 मीटर की दूरी पर ही क्रशर प्लांट लगाये जा सकते हैं. ऐसे में बाकुड़ी स्टेशन के समीप संचालित क्रशर प्लांट सवालों के घेरे में है. बरहरवा : मालदा डिवीजन […]

विडंबना . सरकारी नियमों की अनदेखी कर रहे क्रशर संचालक, नहीं होती कार्रवाई

खनन विभाग के नियम के अनुसार रिहायसी इलाकों से कम से कम 250 मीटर की दूरी पर ही क्रशर प्लांट लगाये जा सकते हैं. ऐसे में बाकुड़ी स्टेशन के समीप संचालित क्रशर प्लांट सवालों के घेरे में है.
बरहरवा : मालदा डिवीजन अंतर्गत बरहरवा-साहेबगंज रेलखंड के बाकुडी रेलवे स्टेशन के किनारे दर्जनों क्रशर अवैध रूप से धड़ल्ले से चल रहे हैं. सरकारी नियमों को ताक पर रख क्रशर मालिक क्रशर का संचालन खनन विभाग के मिली भगत से करते हैं. झारखंड प्रदूषण विभाग व खनन विभाग के नये नियमावली के अनुसार रेलवे स्टेशन से 250 मीटर की दूरी पर ही क्रशर होना चाहिए. लेकिन यहां विभाग का यह आदेश फाइलों में सिमट कर रह गया है. मुश्किल से 50 मीटर की ही दूरी पर यहां पर कई क्रशर स्थित हैं. विभाग भी इन क्रशर मालिकों को कार्रवाई के नाम पर अभी तक सिर्फ खानापूर्ति ही करता आ रहा है.
जिसका नतीजा यह है कि स्टेशन से बिल्कुल सटे कई स्टोन क्रशर धड़ल्ले से चल रहा है. विभाग के सख्ती के बाद कुछ क्रशर मालिक अपना क्रशर हटा लिये हैं तो कुछ विभागीय आशीर्वाद से क्रशर मशीन का संचालन कर रहे हैं. हालांकि खनन विभाग नोटिस जारी करने की भी बात कह रही है. लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि नोटिस जारी किया गया है तो अब तक क्रशर मशीन क्यों नहीं हटाया गया है. क्रशर की जो घेराबंदी टिन से की गयी है. वह भी टुट फूट गया है. कुछ क्रशर मालिकों को झारखंड प्रदूषण विभाग द्वारा एनओसी मिला था. लेकिन सवाल यह है कि जब स्टेशन से लगभग 50 मीटर की दूरी पर क्रशर का संचालन हो रहा है. तो प्रदूषण विभाग इन क्रशर मालिकों को एनओसी किस आधार पर दे दिया. क्या एनओसी निर्गत करने से पूर्व जांच फाइलों पर हुआ था. यह सब जांच का एक विषय है.
50 मीटर की दूरी पर है क्रशर प्लांट, यात्री रहते हैं परेशान
क्या कहते हैं स्टेशन प्रबंधक
स्टेशन प्रबंधक जीके साहा ने कहा कि क्रशर के चलने से यात्रियों को परेशानी तो होती ही है. जिसकी सूचना वरीय पदाधिकारी को दे दिया गया है.
क्या कहते हैं प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारी
प्रदूषण बोर्ड के सदस्य सचिव संजय कुमार सुमन ने कहा कि अगर स्टोन क्रशर मालिकों को प्रदूषण बोर्ड द्वारा नोटिस दिया गया है और वे इसका पालन नहीं कर रहे हैं तो वे उनके विरुद्ध उपायुक्त व एसपी से वार्ता कर कार्रवाई होगी.
धूलकण से रेल यात्री परेशान
बाकुड़ी रेलवे स्टेशन पर धड़ल्ले से चलने वाले क्रशर मशीन से काफी मात्रा में धुल कण उड़ते हैं. जिस कारण ट्रेन पकड़ने के लिये रेलवे स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों को धूल कण का शिकार होना पड़ता है. परेशान यात्री रेलवे के पदाधिकारियों को जब इसकी शिकायत करते हैं तो रेलवे के अधिकारी भी इस ओर आवश्यक कार्रवाई करने से कतराते हैं. बाकुडी रेलवे स्टेशन के 1 व 2 नंबर प्लेटफॉर्म पर काफी मात्रा में डस्ट जमा हुआ है. यहां से बाकुडी बाजार की घनी आबादी भी काफी सटी हुई है जो भी धुलकण से काफी प्रभावित होती है. धुलकण से स्वास संबंधी बीमारियों का होने का सबसे अधिक खतरा बना रहता है. इन धुलकणों से सिलिकोसिस नामक बीमारी सबसे अधिक होती है.
गोचर जमीन पर हुआ है अतिक्रमण
क्रशर से निकलने वाली गिट्टी चिप्स व डस्ट गौचर जमीन पर अतिक्रमण कर कुछ क्रशर मालिक रखे हुए हैं. गौचर जमीन का अतिक्रमण काफी दिनों से किया गया है. इस ओर न तो खनन विभाग कोई कार्रवाई करता है और न ही स्थानीय प्रशासन. स्थानीय कुछ लोगों का कहना है कि इन क्रशर मालिकों का सांठगांठ पदाधिकारियों से काफी अच्छी है. जिस कारण यहां बाकुडी रेलवे किनारे कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है. विभाग अगर सख्त रहता तो आज सरकार के आदेश का पालन सख्ती से होता और क्रशर मालिकों का इतना मनोबल नहीं बढ़ता.
क्या कहते हैं खनन पदाधिकारी
जिला खनन पदाधिकारी फेंकूराम ने कहा कि बाकुडी रेलवे स्टेशन के किनारे जितने भी क्रशर हैं उन्हें नोटिस देकर क्रशर हटाने का निर्देश दिया गया है. अगर वे जल्द क्रशर को नहीं हटाते हैं तो विभाग उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगी.

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