साहिबगंज : डायन बोलकर अपनी भाभी की हत्या के आराेप में जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम राम बचन सिंह ने बरहेट थाना अंतर्गत कुसमा छप्पर टोला के आरोपित देवर गुमीद मुर्मू को मंगलवार को दोषी पाते हुये बुधवार को सजा सुनायी है. इस मामले को लेकर मृतक कुइन्डी मरांडी का पुत्र सनत मुर्मू ने 22 मई 2013 को बरहेट थाना में अपनी मां की डायन बोलकर उसकी हत्या करने को लेकर अपने चाचा गुमीद मुर्मू को आरोपित बनाया था.
दर्ज प्राथमिकी में कुसमा छप्पर टोला का सनत मुर्मू ने बताया कि उसकी मां कुइन्डी मरांडी 22 मई 2013 ने लकड़ी लाने गयी थी. उनके चाचा गुमीद मुर्मू ने तेज हथियार से कुइन्डी मरांडी को डायन बोलकर सिर में मार दिया. और आरोपित चाचा गुमीद मुर्मू ने ही सनत मुर्मू को बताया कि उसकी मां कुइन्डी मरांडी की हत्या हो गयी है और उसका शव बाड़ी के आरी पर पड़ा. इस पर सनत मुर्मू ने गुमीद मुर्मू के बाड़ी पहुंचा वहां काफी ग्रामीण मौजूद थे. सनत मुर्मू ने वहां देखा कि उसकी मां कुइन्डी मरांडी का सिर फटा है और खून निकल रहा है. .
और घर में ताला लगाकर पूरे परिवार के साथ फरार हो गया. न्यायालय के समक्ष अपरलोक अभियोजक प्रदीप मिश्रा ने कुल 9 गवाहों का परीक्षा कराया तथा बचाव पक्ष के विन्दा प्रसाद ने गवाहों का प्रति परीक्षण किया. तदोपरांत न्यायालय ने गुमीद मुर्मू को डायन हत्या में दोषी पाकर भादवि की धारा 302 में उम्र कैद की सजा सुनायी और 10 हजार रूपया जुमार्ना सुनाया. जुर्माना राशि नहीं देने पर 14 वर्ष अतिरिक्त सजा सुनायी है. डायन अधिनियम को धारा तीन में दोषी पाकर दो महीनों तथा चार में दोषी पाकर तीन महीना की सजा सुनाता है.