19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

??????? ? ????????? ?? ?? ?????? ?????? ?? ?????? !

बाबुपुर व महाराजपुर को कब मिलेगी अभिशाप से मुक्ति !- इलाके के कई गांव पुलिस के लिए बना सिरदर्द- प्रशिक्षण देकर बच्चों को बनाया जा रहा है चोर व जेब कतरा- मुख्यधारा में लाने के लिए पुलिस कप्तान का अभिनव प्रयोगराजमहल 3 नवंम्बरप्रतिनिधि, राजमहलचोरी के मामले में राजमहल का बाबुपुर व महाराजपुर पुलिस के लिए […]

बाबुपुर व महाराजपुर को कब मिलेगी अभिशाप से मुक्ति !- इलाके के कई गांव पुलिस के लिए बना सिरदर्द- प्रशिक्षण देकर बच्चों को बनाया जा रहा है चोर व जेब कतरा- मुख्यधारा में लाने के लिए पुलिस कप्तान का अभिनव प्रयोगराजमहल 3 नवंम्बरप्रतिनिधि, राजमहलचोरी के मामले में राजमहल का बाबुपुर व महाराजपुर पुलिस के लिए सिरदर्द रहा है. लेकिन वर्षों से इसका एक भी ताना बाना सुलझा पाने में पुलिस विफल रही है. प्राय: प्रतिमाह विभिन्न प्रदेशों की पुलिस यहां छापामारी करती रही है. हद तो यह है कि यहां के शातिर अपराधी पकड़े जाते हैं लेेकिन बाहर आने के बाद फिर चुनौती बन जाते हैें. हाल के दिनों में जिला के नये पुलिस कप्तान सुनील भास्कर ने एक अनूठा प्रयाेग शुरू किया. काउंसिलिंग कर स्थानीय लोगों को समझाने मेें कामयाब हो रहे हैं कि आगे बढ़ने के लिए कई राह हैं. लेकिन इसका कितना असर होगा यह तो समय बतायेगा. इसकी आंतरिक पड़ताल से साफ हुआ है कि प्रत्येक वर्ष छठ व दीपावली के मौके पर पेशेवर चोर गिरोह के सदस्य अवश्य आते हैं. इस बार भी इसकी संभावना है. इतना ही नहीं चोर गिरोह के सरगना बच्चों की बजायप्ता बोली लगाते हैं. जो जितना शातिर होता है उसकी उतनी ही अधिक डिमांड होता है. जिसकी राशि का भुगतान अभिभावकों को किया जाता है. कई बार राशि का भुगतान नहीं होने पर बच्चों का अपहरण तक कर लिया जाता है. इस पूरे प्रकरण में क्षेत्र के वैसे लोगों को काफी परेशानी है, जो अपने उद्यम से समाज में इज्जत की जिंदगी जीने के तरफदार हैं. यहां पढ़ रहे कई छात्रों की मानें तो उन्हें कभी-कभी अपना पता बताने में झिझक होती है. शायद यही बात पुलिस कप्तान ने भी गंभीरता से लिया है. होश संभालते ही लेते हैं चोरी का प्रशिक्षणइन गांवों की स्थिती ऐसी बन गयी है कि अधिकांश बच्चे होश संभालते ही चोरी का प्रशिक्षण लेने लगते हैं. उनके अभिभावक भी शिक्षा के मुख्य धारा से नहीं जोड़ते हैं. बजायप्ता पेशेवर चोरों के अपने अपने गुरु भी होते हैं जिन्हें इन्हीं महीनों में दक्षिणा स्वरूप अपनी कमाई का एक हिस्सा देते हैं. दोनों ही गांव के पहाड़ी इलाकों व बंद कमरों में जेबकतरी व चोरी के गुर सिखाये जाते हैं. ——————सफेद पोश का है संरक्षणये चोर गिरोह जब पुलिस के हत्थे चढ़ते हैं तो इनके मामलों को रफा दफा करने के लिए क्षेत्र के कई सफेद पोश अहम भूमिका निभाते हैं. पुलिस अभी तक सफेद पोश का पर्दाफाश करने में विफल साबित हो रही है.——————–पहुंचेगा मोबाइलों का जखीरासुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चोंरो का गिरोह देश भर में चोरी के अपराध को अंजाम देकर साल के दो विशेष पर्व में अपने गांव पहुंचते हैं और पहले से पश्चिम बंगाल व फरक्का के चोर बाजार के आढति उसे थौक में खरीदते हैं. ये आढति चोरी छिपे रास्ते से सारा सामान बाॅर्डर पार बंगलादेश पहुंचा देते हैं. जहां उनकी भी मोटी कमाई होती है.—————————————-क्या कहते हैं एसपीएसपी सुनील भास्कर ने कहा कि पुलिस की सुचना तंत्र से सुचना संग्रह किया जा रहा है. चोर गिरोह के कई सरगनाओं को चिह्नित भी किया गया है. पुलिस जल्द ही कार्रवाई करेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें