साहिबगंज:छत्तीसगढ़ के दुर्ग से नगर थाना पुलिस की टीम द्वारा गिरफ्तार किये गये अपहरण के आरोपी सुभाष स्वर्णकार की मौत व देवराज के घायल होने पर पुलिस की कार्यशैली पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. सुभाष की मौत यदि आत्महत्या है तो फिर पुलिस की लापरवाही उजागर होती है और अगर साजिश के तहत हत्या हुई है तो इस मामले की जांच की आंच कई पुलिस पदाधिकारियों तक पहुंच सकती है. चूंकि सुभाष की मौत के बाद कई ऐसे तथ्य सामने आ रहे हैं जो उसके आत्महत्या करने की बिंदुओं से परे है. पुलिस का कहना है कि दोनों ने ट्रेन से छलांग लगा दी थी. लेकिन वहीं सुभाष के परिजनों का आरोप है कि अपहृता पुलिस विभाग के रिश्तेदार होने के कारण सुभाष की साजिश के तहत हत्या की गयी है. दरअसल, नगर थाना में दर्ज कांड संख्या 84/14 के आरोपी सुभाष स्वर्णकार व देवराज को दुर्ग से गिरफ्तार कर साहिबगंज लौट रही थी. इसी क्रम मधुपुर के विद्यासागर रेलवे स्टेशन के नजदीक दोनों आरोपी ट्रेन से गिर गये थे. इसमें एक की मौत हो गयी थी और एक धनबाद के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है.
अपह्रत युवती पहुंची साहिबगंज
शहर के दहला मुहल्ले से बीते दिनों अपहरण हुई युवती को नगर थाना पुलिस की टीम शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के दुर्ग से बरामद कर लौट आयी है. पुलिस टीम ने साहिबगंज पहुंचने के बाद युवती का मेडिकल जांच सदर अस्पताल में कराया गया. मेडिकल जांच देर शाम हो जाने के बाद युवती का जिला कोर्ट में 164 का बयान कलमबद्ध नहीं हो पाया है. इधर, नगर थाना प्रभारी विनोदानंद सिंह ने बताया कि अपहरण मामले में युवती से पूछताछ की गयी है.
शक की सूई
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में अपहरण के आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम बिना किसी वरीय पुलिस पदाधिकारी के आदेश के ही रवाना हो गयी थी. जबकि पुलिस मैनुअल के अनुसार दूसरे राज्य में आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रेंज के डीआइजी से आदेश लेना अनिवार्य है. यह भी बात सामने आ रही है कि ट्रेन में दोनों आरोपियों को एक साथ बाथरूम जाने की इजाजत टीम के नेतृत्वकर्ता जमादार जनेश्वर पांडेय ने आखिर क्यों दिया.
अपहरण के आरोपी के ट्रेन से गिरकर मौत व घायल होने की जांच वरीय पुलिस पदाधिकारी से करायी जायेगी. इसमें लापरवाही बरतने वाले पुलिस पदाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी.
प्रिया दुबे, डीआइजी, दुमका