टॉस्क फोर्स की बैठक में लिये गये निर्णय पर भी अमल नहीं
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बंद खदान में जारी है अवैध खनन
टॉस्क फोर्स की बैठक में लिये गये निर्णय पर भी अमल नहीं दो से तीन किलोमीटर तक दहल जा रहा क्षेत्र गाड़ियों का आना-जाना रात दिन रहता है जारी साहिबगंज : जिले में इन दिनों अवैध रूप से खदान संचालित किये जा रहे हैं. टाॅस्क फोर्स की बैठक में लिये गये निर्णय के बाद भी […]
दो से तीन किलोमीटर तक दहल जा रहा क्षेत्र
गाड़ियों का आना-जाना रात दिन रहता है जारी
साहिबगंज : जिले में इन दिनों अवैध रूप से खदान संचालित किये जा रहे हैं. टाॅस्क फोर्स की बैठक में लिये गये निर्णय के बाद भी कार्रवाई हो नहीं पा रही है. खदान में सप्ताह के 5-6 दिन ब्लास्ट होने से खदान के नजदीक रहनेवाले वाले लोग भयभीत रहते हैं. 2-3 किलोमीटर के दायरे में लोग आवाज व कंपन से भयभीत रहते हैं. शहर के अंजुमन नगर, छोटा बेतौना, ग्रिड के कुछ दूर में निर्मित कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के कुछ ही दूरी पर इन दिनों खनन माफियाओं की हलचल शुरू हो गयी है. माफिया पहाड़ को खोद कर व डायनामाइट के जरिये विस्फोट कर के पत्थर निकालने में जुट गयी हैं. अंजुमन नगर निवासी मो कय्यूम ,
मो शालिम, मो जमील कुरैशी, मो हातिम अली, फरजाना बेगम, शहनाज अख्तर, मेहरुन निशा, मो जमील अहमद, फुरकान अंसारी, साबीरा बेगम व रसलपुर दहला निवासी लक्ष्मी पासवान, डोमा दास, मो अख्तर, शैलेश दास, विक्की कुमार, जयगोविंद राय, अनंत कुमार, शालिनी देवी, कौशल्या देवी ने बताया कि ये खदान बंद था. कैसे क्या हुआ इधर कुछ महीनों से रात-दिन खदान में जेसीबी व पोपलेन की आवाजाही शुरू हो गयी है. सप्ताह में 5-6 दिन धड़ाम-धड़ाम की आवाज देर शाम तक होती रहती है. रसूलपुर दहला के ग्रामीण रात भर गाड़ी चलने की आवाज व लाइट देखते रहते है. वहीं करम पहाड से आने वाले आदिवासी खैरा पहाड़िया, मालती टुडू, देवीधन मरांडी, लक्ष्मी पहाड़िन, छोटा पहाड़िया ने बताया कि हमलोग पहाड़ पर रहते हैं. तेज आवाज होती है. डर जाते हैं. नीचे कस्तूरबा स्कूल व ग्रिड है. वहां जब हमलोग रहते हैं. इधर, जिला खनन पदाधिकारी कृष्ण कुमार किस्कू ने बताया कि जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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