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खेल मैदान को बना िदया पशु चारागाह

बदहाली. प्रशासनिक उदासीनता के कारण उपेक्षित पड़ा महेशपुर का पुराना खेल मैदान महेशपुर : प्रखंड मुख्यालय स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय का खेल मैदान प्रशासनिक उदासीनता के कारण उपेक्षित पड़ा है. पूर्व में उच्च स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन इस मैदान में किया जाता था. राष्ट्रीय स्तर के चुनिंदा खिलाड़ियों के पदचाप से कभी सुर्खियों […]

बदहाली. प्रशासनिक उदासीनता के कारण उपेक्षित पड़ा महेशपुर का पुराना खेल मैदान

महेशपुर : प्रखंड मुख्यालय स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय का खेल मैदान प्रशासनिक उदासीनता के कारण उपेक्षित पड़ा है. पूर्व में उच्च स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन इस मैदान में किया जाता था. राष्ट्रीय स्तर के चुनिंदा खिलाड़ियों के पदचाप से कभी सुर्खियों में रहने वाला मैदान, वर्तमान में खिलाड़ियों के पैरों की आहट सुनने को तरस रहा है.
वर्तमान में आलम यह है कि विभिन्न प्रकार के उच्च स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के कारण दूर-दूर तक अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाला यह खेल मैदान, मैदान कम, चारागाह अधिक दिखता है. अब न तो यहां किसी प्रतियोगिताओं का ही आयोजन होता है न ही मैदान को दुरुस्त करने को लेकर पहल की जा रही है. वर्ष 2017 की बात करें तो इस खेल मैदान में महेशपुर क्रिकेट टूर्नामेंट कमेटी द्वारा सीमित ओवर क्रिकेट प्रतियोगिता का एकमात्र खेल आयोजन किया गया.
वह भी स्थानीय लोगों के सहयोग राशि के सहारे. पुलिस अधीक्षक पाकुड़ शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल के द्वारा पाकुड़ के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक स्व अमरजीत बलिहार के शहादत की स्मृति पर फुटबाॅल खेल का आयोजन किया गया. इसके अलावे राज्य स्थापना दिवस 2017 को लेकर प्रखंड स्तरीय कमल क्लब एकदिवसीय फुटबॉल का खेल का आयोजन किया गया है. मैदान में रथमेला, कालीपूजा मेला के अवसर पर लगनेवाले दर्जनों दुकानों के बाद उसकी सही ढंग से साफ सफाई और मरम्मत नहीं कराया जाना भी, खेल मैदान की हरियाली और खुबसूरती के राह का रोड़ा बना सिद्ध हो रहा है.
अन्य कौन-कौन सी प्रतियोगिता हुई हैं इस मैदान में
बिहार, बंगाल, झारखंड, तीनों राज्यों की क्रिकेट टीमों को लेकर वृहत वन डे क्रिकेट टूर्नामेंट, डे नाइट क्रिकेट टूर्नामेंट, वॉलीबॉल, महिला फुटबॉल प्रतियोगिता, बैडमिंटन, कबड्डी समेत अन्य खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ है.
कहती हैं पदाधिकारी
मामला संज्ञान में नहीं है. मैदान की स्थिति की रिपोर्ट महेशपुर बीडीओ से ली जायेगी. मैदान के रेनोवेशन को लेकर हर संभव प्रयास किया जायेगा.
सुनीता किस्कू, जिला खेल-कूद पदाधिकारी
प्रतियोगिताओं बंद होने से खिलाड़ियों
में घोर निराशा
ऐसे उच्च स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के ठप पड़ जाने से यहां के युवा वर्ग में खेल अभिरुचि में कमी आयी है. शायद यही वजह है कि विगत वर्षों की अपेक्षा फिलहाल, बाहर आयोजित होने वाले विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में महेशपुर प्रखंड के खिलाड़ी अव्वल रहने से पिछड़ जाते हैं. प्रखंड के वरिष्ठ खेल प्रेमी व पूर्व खिलाड़ी सुनील कुमार त्रिवेदी, कृष्ण प्रसाद सिंह, शिवधन मुर्मू, श्रवण भगत, चंचल सिंह, मनोज कुमार सिंह, प्रसेनजीत सिंह, भास्कर लाहिड़ी, सुजीत कुमार सिंह, मनोरंजन दास, दिलीप सिंह, कृष्णजीत सिंह समेत अन्य लोगों का मानना है कि, उचित प्रोत्साहन व सहयोग मिलने से यह खेल मैदान फिर अपनी पुरानी विशिष्ट पहचान वापस पाने में सफल हो पायेगा.
कब से शुरू हुई इस मैदान में उच्च स्तरीय खेल प्रतियोगिता
वर्ष 1926 में तत्कालीन राजाओं के शासन काल में उच्च स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता रानी राधा प्यारी शील्ड एंड कुमार इंद्र नारायण सिंह चैलेंज कप का शुभारंभ किया गया था. इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर के ए डिवीजन के खिलाड़ी भी भाग ले चुके हैं. इस प्रतियोगिता में कोलकाता, हुगली, वर्दवान, लिलुआ, वर्णपुर, आसनसोल, हल्दिया, फरक्का, भागलपुर, जमालपुर, पटना, मुंगेर समेत अन्य कई बड़े शहरों की फुटबॉल टीमों ने प्रतियोगिता में भाग लिया था. लेकिन वर्ष 1985 से यह फुटबॉल प्रतियोगिता राशि के अभाव में बंद है. उस वर्ष प्रतियोगिता की शुरुआत तो हुई थी, परंतु राशि की कमी के कारण प्रतियोगिता बीच में ही रोक दी गयी थी, परंतु अब तक इस ऐतिहासिक प्रतियोगिता को शुरू करने को लेकर किसी की ओर से कोई पहल नहीं की गयी है.

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