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स्वरोजगार से जुड़ कर महिलाएं बनेंगी स्वावलंबी

कार्यक्रम में सूबे के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने शिरकत की. इस अवसर पर मंत्री ने कहा : केंद्र एवं राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है. महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा कर उन्हें स्वावलंबी बनाना है. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, […]

कार्यक्रम में सूबे के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने शिरकत की. इस अवसर पर मंत्री ने कहा : केंद्र एवं राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य महिलाओं का सशक्तिकरण कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है. महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा कर उन्हें स्वावलंबी बनाना है. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, कल्याण विभाग को आपसी समन्वय स्थापित कर संयुक्त रूप से योजनाओं का क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया है. कृषि, पशुपालन, सहकारिता विभाग की योजनाओं से भी सखी मंडलों को जोड़ा जायेगा. 1000 पावर ट्रिलर सखी मंडलों को दिया जायेगा. 20 हजार पंपिंग सेट कृषि विभाग की ओर से दिया जायेगा. रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु सखी मंडल की बहनों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.

कुटीर उद्योग से जुड़ेंगी सखी मंडल के सदस्य : बुनाई- कढ़ाई से संबंधित कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सखी मंडल के सदस्यों को कुटीर उद्योग से जोड़ा जायेगा और ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जायेेगा. 2, 5 अथवा 10 गाय वाली स्कीमों का भी लाभ सखी मंडलों को दिया जायेगा. भविष्य में महिलाओं की स्वयं सहायता समूहों को केंद्र तथा राज्य की अन्य विभिन्न योजनाओं का भी लाभ दिया जायेगा.
गांव के विकास से ही राज्य का विकास : मंत्री श्री सिंह ने कहा कि झारखंड सरकार का यह मानना है कि गांव के विकास से ही राज्य एवं देश का विकास संभव है और गांव के विकास के लिए सखी मंडल ही सबसे सशक्त माध्यम है. सखी मंडल की बहनों की ताकत और ग्राम विकास की ललक ने आज इनको ग्राम विकास का नया वाहक बना दिया है. मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने कहा कि गांव में लेस केश इकॉनोमी यानी कम नकदी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार सखी मंडलों को स्मार्ट फोन उपलब्ध करा रही है. इससे एक ओर जहां महिलाओं को डिजिटल ट्रांजेक्शन में आसानी होगी वहीं गांव के लोगों को कैशलेस ट्रांजेक्शन
स्वराेजगार से जुड़ कर…
करने में तकनीकी मदद मिल सकेगी. ग्रामीण इलाको में भी नकद रहित अर्थव्यवस्था स्थापित हो जायेगी. सखी मंडल की सदस्य खुद तो स्मार्ट फोन का इस्तेमाल डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए करेंगी. साथ ही ग्रामीणों को भी भीम एप से जोड़ कर डिजिटल गांव की कदम बढ़ायेंगी. गांव में ग्रामीण महिलाओं को स्मार्ट फोन देकर उन्हें मोबाइल एडवाइजरी सर्विस से भी जोड़ा जा रहा है ताकि ध्वनि संदेश के माध्यम से उनको सरकारी योजनाओं, खेती से संबंधित जानकारी तथा मौसम की जानकारी भी मिल सके. इस योजना के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन संपोषित एक लाख सखी मंडलों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जा रहा है.
प्रथम चरण में एक लाख सखी मंडलों व स्वयं सहायता समूहों को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया जाना है. उन्होंने कहा कि जेएसएलपीएस के जिला के चार प्रखंड सदर, मंडरो, राजमहल एवं तालझारी में चल रही है. 24 हजार से अधिक महिला एसएचजी से जुड़ सकती हैं. कुल 1999 सखी मंडलों का गठन हो चुका है. कुल 57 ग्राम संगठन गठित की गयी है. जिनमें 15 बैंक खाता खोला जा चुका है. आजीविका कृषि मित्र आजीविका पशु सखी भी ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत है. मौके पर डीसी डॉ शैलेश चौरसिया, डीडीसी नैन्सी सहाय, जिला कृषि पदाधिकारी उमेश तिर्की, भाजपा नेता उज्ज्वल मंडल, अनंत तिवारी, पंकज घोष सहित कई पदाधिकारी व जनता उपस्थित थी. सखी मंडल की सदस्य यदि गांव के हर व्यक्ति को शराब पीने से रोक दे, तो राज्य में भी सरकार कर देगी शराबबंदी

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