30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गंगा पंप नहर स्थल को बना दिया बंदरगाह

खेती पर संकट. 30 वर्ष बाद भी किसानों की आस पूरी नहीं, नहीं मिला एक बूंद पानी 1988 में 850 लाख रुपये खर्च कर गंगा पंप नहर से संताल परगना के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए योजना शुरू की गयी थी. नौ किलोमीटर नहर की खुदाई भी कर दी गयी थी. पर […]

खेती पर संकट. 30 वर्ष बाद भी किसानों की आस पूरी नहीं, नहीं मिला एक बूंद पानी

1988 में 850 लाख रुपये खर्च कर गंगा पंप नहर से संताल परगना के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए योजना शुरू की गयी थी. नौ किलोमीटर नहर की खुदाई भी कर दी गयी थी. पर अब तक किसानों के खेतों में पानी नहीं पहुंच पाया है. पंप स्थल पर बंदरगाह निर्माण के लिए सरकार ने एनओसी दे दिया है. इससे किसान खासे परेशान हैं.
साहिबगंज : अविभाजित बिहार की महत्वाकांक्षी गंगा पंप नहर योजना पर राज्य सरकार ने पानी फेर दिया है. अब सकरीगली गंगा पंप नहर से किसानों की खेतों एक बूंद पानी नहीं मिलेगा. जल संसाधन विभाग ने सरकरीगली गंगा पंप नहर को रद्द करते समदा बंदरगाह के लिए 400 फीट जमीन का एनओसी दे दिया. जबकि स्थानीय अधिकारी ने एनओसी देने में असमर्थता जतायी थी. अविभाजित बिहार में 1988 में तत्कालीन बिहार सरकार ने संताल परगना में सिंचाई व्यवस्था को दुरुस्त करने और यहां के किसानों की खुशहाली के लिए गंगा पंप नहर एक डिवीजन की ही स्थापना की थी. इस योजना के तहत 850 लाख का बजट दिया गया था. इसमें 704 लाख नहर योजना पर व 144 लाख प्रमंडलीय कार्यालय के निर्माण पर खर्च किया गया था.
नहर से 4568 एकड़ भूमि को सिंचाई की व्यवस्था की गयी थी. इसमें खरीफ फसल के लिये 4568 एकड़, रबी फसल के लिये 2740 एकड़, और गरमा फसल के लिये 350 एकड़ जमीन थी. इसके लिये 50 क्यूसेक का पांच पंप लगाये गये थे. इस योजना में 704.61 लाख का बजट था. जबकि एडिशनल वेल्यू के लिये 144.65 लाख का प्रावधान था. निर्माण काल में 1990 के दशक में एक बार ट्राइल लिया गया था, जो पूरी तरह सफल नहीं रहा. हालांकि उसके लिये विभाग ने नौ किमी तक नहर का निर्माण भी कर चुका था. पिछले 30 वर्षों में इस योजना का रिवाइज आवंटन करोड़ों रुपये का हो गया. पर किसानाें की एक एकड़ भूमि भी सिंचाई नहीं हो सकी. किसान आज तक आस लगाये बैठे हैं. इस बीच पूरे नौ किमी में नहर का केवल अवशेष ही रह गया है. अब इसके बाद सकरीगली बंदरगाह की नजर इस योजना पर लगा और विभाग ने इसे स्थानांतरित करने का आदेश दे दिया.
अधर में लटक गयी योजना, जिले के किसान उठा रहे उपयोगिता पर सवाल
क्या कहते हैं अधिकारी
सकरीगली गंगा पंप नहर समदा स्थित मुख्य पंप का 400 फीट जमीन के लिये बंदरगाह प्राधिकार ने प्रस्ताव दिया. इसे स्वीकार नहीं किया. क्योंकि स्वीकार करने का मतलब योजना को बंद करना था. पर विभाग ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करते बंदरगाह को एनओसी दे दिया. और विभाग को निर्देश दिया कि इस योजना के लिये सर्वे करा कर अन्यत्र स्थान पर शुरू किया जायेगा. इसमें काफी समय लगेगा.
अवधेश कुमार, कार्यपालक अभियंता, गंगा पंप नहर, प्रमंडल, साहिबगंज
1984-85 में जब खेतों में पानी पहुंचाने वाला नहर बनाने की बात आयी तो हमलोग बहुत खुश हो गये. सभी ने नहर खुदाई के लिए जमीन दे दी. पर आज तक हमारे खेतों में एक बूंद पानी नहीं मिला.
अशोक यादव, ग्रामीण
30 वर्ष पहले नहर की खुदाई की गयी थी. उस समय जवान थे अब बुढ़ापा आ गयी है. सब लोग इसी आस में थे. एक दिन हमारे खेतों को पानी मिलेगा. पर खेतों को एक बूंद भी पानी नहीं मिल पाया है.
राजीव रंजन, ग्रामीण

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें