पश्चिम बंगाल से आयी टीम रात को करती रही हाथी भगाने का प्रयास
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42 दिनों में आठ लोगों को शिकार बना चुका है गजराज
पश्चिम बंगाल से आयी टीम रात को करती रही हाथी भगाने का प्रयास साहिबगंज : राजमहल की पहाड़ियाें से लेकर दियारा क्षेत्र तक एक हाथी का आतंक पिछले 40 दिनों से कायम है. अब तक हाथी आठ लोगों को निशाना बना चुका है. हाथी को भगाने के लिये टीम बुलायी गयी है. लेकिन अब तक […]
साहिबगंज : राजमहल की पहाड़ियाें से लेकर दियारा क्षेत्र तक एक हाथी का आतंक पिछले 40 दिनों से कायम है. अब तक हाथी आठ लोगों को निशाना बना चुका है. हाथी को भगाने के लिये टीम बुलायी गयी है. लेकिन अब तक अपने मिशन में कामयाब नहीं हो पायी है. पहाड़ों पर बसे गांवों के लोग भयभीत हैं और रात जाग कर काट रहे हैं.
हाथी भगाओ टीम को नहीं मिली कामयाबी : वन विभाग की ओर से झुंड से बिछड़े हाथी को भगाने के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है. 10-10 की संख्या में गठित टीम रात में हाथी को भगाने का प्रयास करती है. पश्चिम बंगाल के बाकुंड़ा से टीम को मंगायी गयी है. जानकारी के अनुसार टीम दिन में अपने साथ हाथी भगाने का साजो समान लेकर किसी जगह पर रूक जाती है. हाथी भी दिन में जंगल में कहीं छिप कर आराम करता है. रात के समय टीम के सदस्य हाथी को भगाने का प्रयास करते हैं.
आग जला कर रखते हैं ग्रामीण
वन प्रमंडल पदाधिकारी मनीष तिवारी बताते हैं कि हाथी के उत्पात से बचने के लिये जंगल में आग नहीं लगाना चाहिए. हाथी पर तीर भी नहीं चलायें और न ही हाथी के पास जायें. हाथी पर पत्थरबाजी न करें और ही शोर मचाये. रात में अपने घर के दरवाजे पर आग या लाइट जला कर रखें. हाथी का पीछा करने की स्थिति में ढलान की ओर भागने का प्रयास करें.
हाथी का शिकार बने लोग
23 अप्रैल 2017 को दरवास पहाड़ पर बजरा पहाड़िया, 24 अप्रैल को खजुरिया जोजोटोला में संझली बेसरा, 5 मई को लालबथानी गांव में रज्जाक अली, 23 मई को देवटिकरी तालझारी में जोपड़ी पहाड़िन, 24 मई को देवटिकरी तालझारी में कतगू पहाड़िया, 25 मई को देवटिकरी तालझारी में चिपरो पहाड़िया, 1 जून को लोहंडा पहाड़ पर पंचू पहाड़िया, 7 जून को बिजुलिया गांव में सूरजा पहाड़िया.
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