रांची. चाईबासा के सरजबुरू कैंप से तीन किलोमीटर आगे जिमली गांव के जंगल और पहाड़ी क्षेत्र में भाकपा माओवादी के शीर्ष 27 नक्सलियों ने जमीन में गड्ढा खोदकर हथियार छिपाये थे. हथियार पुलिस पर हमला करने के लिए छिपाकर रखा गया था. नक्सलियों की योजना पुलिस पर हमला कर नक्सलियों के खिलाफ इलाके में चलाये जा रहे अभियान को रोकने की थी. इस बात का खुलासा पुलिस ने हथियार बरामदगी को लेकर तैयार अपनी रिपोर्ट में किया है. जिन नक्सलियों का नाम पुलिस की जांच रिपोर्ट में सामने आया है, उसमें भाकपा माओवादी नक्सली संगठन के पोलित ब्यूरो मेंबर और एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा, सेंट्रल कमेटी सदस्य और एक करोड़ के इनामी अनल के अलावा मोछू, अश्विन, मंदीप, अजय महतो, अबटन, सुशांत, बासुमती जेराई, संतोष, सागेन अंगरिया, संदीप, रीता, अमृत, करण, बसंती देवगम, लालू, सबनी, पिंकी, चोजे पूर्ति, लाडू तिरियो, बबीता, कोदोमुनि, फूलमनि, नीति, बिरसा कोड़ा और दामू गणेश के नाम शामिल हैं. मालूम हो कि सीआरपीएफ ने पुलिस के साथ मिलकर 24 फरवरी को इलाके में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया था. इस दौरान पुलिस को घटनास्थल पर न ही कोई नक्सली मिला और न ही नक्सलियों के बारे में बताने वाला कोई ग्रामीण. लेकिन पुलिस ने अभियान के दौरान जांच के क्रम में नक्सलियों द्वारा छिपाकर रखे गये हथियार, गोली, बैटरी और विस्फोटक तैयार करने में सामान के अलावा कई सामान बरामद किये थे.
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