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रांची में गंभीर जलसंकट, 1200 से ज्यादा बोरिंग फेल, एक दर्जन से अधिक इलाके ड्राई जोन में

रांची के एक दर्जन से ज्यादा इलाके ड्राइजोन में तब्दील हो गये हैं. हर इलाके में कम से कम 400 से 500 फीट की बोरिंग कराने पर ही पानी मिल रहा है. दो वर्ष पहले तक यह स्थिति नहीं थी.

रांची: राजधानी रांची के लोग गंभीर जल संकट से जूझ रहे हैं. शहरी इलाकों में ही 1200 से अधिक बोरिंग फेल हो गयी है. कई स्थानों पर सरकारी बोरिंग (एचवाइडीटी) भी फेल हो गयी है. नगर निगम के टैंकर से पानी की आपूर्ति की जा रही है. कई इलाकों में लोग पानी के लिए रात से ही लाइन में लगकर सप्लाई पानी का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, कई इलाकों में भूजल स्तर दो से पांच मीटर तक नीचे चला गया है. इसकी वजह से पुरानी बोरिंग फेल हो रही है.

एक दर्जन से ज्यादा इलाके ड्राइजोन में तब्दील हो गये हैं. हर इलाके में कम से कम 400 से 500 फीट की बोरिंग कराने पर ही पानी मिल रहा है. दो वर्ष पहले तक यह स्थिति नहीं थी. पहले 300 से 400 फीट गहराई में पानी मिल जाता था. मोरहाबादी, रातू रोड, कांके रोड, अपर बाजार, हरमू, विद्यानगर, चूना भट्ठा, न्यू मधुकम, इरगु टोली, किशोरगंज, तुपुदाना, बरियातू रोड की बायीं तरफ का इलाका, हिनू में वीर कुंवर सिंह कॉलोनी समेत कई इलाकों में स्थिति खराब है. इन इलाकों में सामान्य बोरिंग से पानी नहीं मिल रहा है. अब यहां 600 से 700 तक की डीप बोरिंग से ही पानी मिलता है.

कांंके रोड में 1000 फीट बोरिंग कराने पर मिल रहा पानी :

कांके रोड, बरियातू, तुपुदाना समेत कई इलाकों में 1000 फीट बोरिंग कराने पर पानी मिल रहा है. राजधानी में बोरिंग करनेवाली एजेंसी के संचालकों की माने तो पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन सैंकड़ों लोग बोरिंग के लिए संपर्क कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सौ नयी बोरिंग में 20 फेल हो जा रहे हैं.

विद्यानगर में 700 फीट गहरी बोरिंग भी फेल :

वार्ड 34 के विद्यानगर में स्थिति भयावह है. यहां 700 फीट तक गहरी बोरिंग फेल हो जा रही है. 10 डीप बोरिंग सूख चुकी हैं. गुस्साये लोगों ने निवर्तमान पार्षद विनोद सिंह के घर बाल्टी लेकर घेराव किया. घेराव करनेवाली महिलाओं का कहना था कि हमें पानी चाहिए. निवर्तमान पार्षद ने कहा कि विद्यानगर की स्थिति ज्यादा खराब है. नगर निगम के अधिकारी सुनते नहीं है. यहां टैंकर कम भेजा जा रहा है. इस कारण समस्या आ रही है. लोग सुबह से ही पानी के जुगाड़ में लग जाते हैं.

कहां कितनी बोरिंग फेल

किशोर गंज 140

विद्यानगर 50

न्यू मधुकम 110

गौरीशंकर नगर 10

हरमू 600

आइटीआइ के आसपास 15

पिस्का मोड़ 10

कांके रोड 40

मोरहाबादी 40

हिंदपीढ़ी 200

( नोट: आंकड़ा स्थानीय जन प्रतिनिधियों व लोगों से बातचीत पर आधारित )

पानी के मोटर की आपूर्ति भी नहीं कर पा रहीं कंपनियां

राजधानी के लोग किस कदर बोरिंग पर पानी के लिए निर्भर हैं इसका अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शहर में मोटर पंप की कमी हो गयी है. सबमर्सिबल पंप की मांग तेजी से बढ़ी है. डिमांड इतनी है कि मांग की तुलना में 50 प्रतिशत सबमर्सिबल पंप की ही आपूर्ति हो रही है. पंप कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि पहले एक एचपी और 10 एवं 14 स्टेज पंप की मांग रहती थी.

लेकिन, अब हाल यह है कि एक एचपी और 14 स्टेज, 1.5 एचपी और 18 एवं दो एचपी और 24 स्टेज सबमर्सिबल पंप की मांग हो रही है. ज्यादा स्टेज के पंप की मांग इसलिए बढ़ी है, क्योंकि पंप गहराई से पानी ऊपर खींच सके. ल्यूबी पंप के शाखा प्रबंधक कौशल किशोर भारतीय ने कहा कि ऑर्डर की तुलना में आपूर्ति नहीं हो पा रही है. सबमर्सिबल पंप की डिमांड अधिक है.

क्या कहते हैं अधिकारी

निगम द्वारा रोजाना साढ़े दस लाख लीटर पानी की आपूर्ति टैंकर से की जा रही है. टैंकर से जलापूर्ति के लिए 350 स्थान निर्धारित किये गये हैं. इसके बावजूद जहां भी लोगों की जरूरत है, वहां मांग पूरी करने की कोशिश की जा रही है.

शशि रंजन, प्रशासक, रांची नगर निगम

क्या कहते हैं भुक्तभोगी

400 फीट गहरी बोरिंग करायी गयी थी, जो फेल हो चुकी है. आस-पास के लोग भी पानी नहीं मिलने से परेशान हैं. घर में कुल 12 सदस्य हैं, जो पूरी तरह सप्लाई वाटर पर निर्भर हैं. दिन-रात पानी के जुगाड़ में बीत जाता है.

मो असलम उर्फ बबलू, इस्लाम नगर

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