रांची. वासंतिक नवरात्र रविवार से शुरू होगा. दोपहर 2.14 बजे तक प्रतिपदा है. इस कारण इसके पहले तक कलश स्थापना की जायेगी. राजधानी के विभिन्न दुर्गा मंदिर, क्लबों और घरों में कलश स्थापना कर माता की पूजा की जायेगी. इसी दिन से हिंदी नववर्ष आरंभ हो जायेगा. इस बार पंचमी तिथि क्षय होने के कारण नवरात्र नौ दिनों का होगा. रविवार को 11.29 से 12.18 तक अभिजीत मुहूर्त है. पंडित कौशल कुमार मिश्र ने कहा कि शुक्ल पक्ष 14 दिनों का है. महाअष्टमी की झांकी पांच को निकाली जायेगी. यह तिथि रात 12.04 मिनट तक है. इसी दिन महाअष्टमी का व्रत है. इसी दिन निशा पूजा व बलिदान है. वहीं, छह की रात 11.15 बजे तक नवमी है. इसी दिन नवमी की पूजा-अर्चना और हवन होगा. सात को दशमी है. इसी दिन मां की प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा.
एक अप्रैल से चैती छठ महापर्व होगा शुरू
एक अप्रैल से चार दिवसीय चैती छठ महापर्व शुरू हो जायेगा. इस दिन नहाय-खाय है. व्रती मंगलवार की सुबह स्नान ध्यान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर उनसे शक्ति की कामना करेंगी. इसके बाद कद्दू, चावल, दाल समेत सादगी से बनाया गया अन्य पकवान ग्रहण करेंगी. दो अप्रैल को खरना है. इस दिन उपवास रहने के बाद शाम में भगवान की पूजा-अर्चना कर खीर-रोटी का प्रसाद ग्रहण करेंगी. प्रसाद स्वरूप इसका वितरण करेंगी. इसी दिन से 36 घंंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जायेगा. तीन को चैती छठ है. इस दिन अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. अर्घ देने के लिए व्रती विभिन्न छठ घाट जायेंगी. वहीं, चार को उदयाचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ दिया जायेगा. इसके बाद हवन आदि कर प्रसाद का वितरण करेंगी. वहीं विभिन्न मंदिरों और घरों में पूजा-अर्चना कर स्वयं प्रसाद ग्रहण कर पारण करेंगी. इसी के साथ चैती छठ महापर्व संपन्न हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है