चान्हो.
1832 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंकने वाले अमर शहीद वीर बुधू भगत की जयंती समारोह का आयोजन प्रखंड के सिलागांई गांव में हर साल 17 फरवरी को किया जाता है. शहीद के 233वीं जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आदिवासी कल्याण मंत्री चमरा लिंडा व उदघाटन कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की व सांसद सुदर्शन भगत करेंगे. कोल विद्रोह व लरका आंदोलन की अगुआई करनेवाले महानायक क्रांतिकारी बुधू भगत का जन्म 17 फरवरी 1792 को सिलागांई गांव में ही हुआ था. गांव में आज भी उनकी स्मृति से जुड़े पूजा स्थल, वीर पानी व पिंडी मौजूद हैं. सिलागांई टोंगरी में उनकी घोड़े में सवार व एक अन्य प्रतिमा भी स्थापित है. जहां श्रद्धालु श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं. इतिहास में उल्लेख है कि 1831-32 में अंग्रेजी सेना के नाक में दम करनेवाले वीर बुधू भगत को पकड़ने पर अंग्रेजों ने उस समय उन पर एक हजार रुपये के इनाम की घोषणा की थी. लेकिन वह अंग्रेजों के हाथ नहीं लगे. बुधू भगत 13 फरवरी 1832 को अंग्रेजी सेना से जंग लड़ते शहीद हो गये थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है