हाइकोर्ट ने सरकार से पूछा, वन विभाग के रिक्त पदों पर नियुक्ति की क्या स्थिति है -मामले की अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी. रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने लातेहार के जंगलों में हाथियों की माैत तथा जंगलों में वन्य जीवों की दयनीय स्थिति को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने पूछा कि वन विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति की क्या स्थिति है? उस पर स्टेटस रिपोर्ट दायर की जाये. खंडपीठ ने राज्य सरकार को मामले में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए समय प्रदान किया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने पांच अगस्त की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने खंडपीठ से स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पक्ष रखा, जबकि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) व जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरावाल ने पैरवी की. पिछली सुनवाई में बताया गया था कि एसीएफ व वन क्षेत्र पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए जेपीएससी द्वारा विज्ञापन निकाल कर चयन प्रक्रिया शुरू की गयी है. जून माह तक नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है. वन विभाग में वनरक्षी, वनपाल आदि कर्मियों की नियुक्ति के लिए नियमावली बनाने की बात कही गयी थी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2021 में लातेहार जिले में 10 दिनों के भीतर (30 अगस्त व नौ सितंबर 2021 को) दो हाथियों की मौत हो जाने पर झारखंड हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. पूर्व में हाइकोर्ट ने वन विभाग के सभी रिक्त पदों को भरने का आदेश दिया था.
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