रांची.
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा द्वारा जारी आरोप पत्र को राजनीतिक हताशा का दस्तावेज बताया है. झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार पर लगाये गये सभी आरोप निराधार हैं और भाजपा विकास को कलंकित करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता आरोपों पर नहीं, सरकार के ठोस कामों पर भरोसा करती है. विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के 19 साल के शासन में गरीब, किसान, आदिवासी और युवा उपेक्षा के शिकार रहे. भाजपा अपना इतिहास भूलकर आज विकास पर प्रश्न उठा रही है. उन्होंने कहा कि सात गारंटी पर धोखे का आरोप लगाने वाली भाजपा अपने शासन को याद करे, जब एक भी नयी सामाजिक सुरक्षा योजना शुरू नहीं की गयी थी. आज हेमंत सरकार 47 से 50 लाख महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना के तहत 2500 रुपये मासिक सहायता दे रही है. यह योजना देश की सबसे बड़ी डीबीटी सहायता है.उन्होंने कहा कि भाजपा को कर्मचारी हितों से परेशानी है, जबकि हेमंत सरकार ने पहली बार राज्य कर्मियों को स्वास्थ्य बीमा, डीए वृद्धि और पेंशनभोगियों को राहत दी है. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सरकार ने रिकॉर्ड काम किया है. छह नये पोर्टल, टेक-बी कार्यक्रम, विज्ञान प्रयोगशालाओं की स्वीकृति और सैकड़ों शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. भाजपा की ओर से खाद्यान्न और योजनाओं पर उठाये गये सवालों पर श्री पांडेय ने कहा कि भाजपा महंगाई बढ़ाने वाली पार्टी रही है, जबकि झारखंड सरकार लाखों परिवारों को खाद्य सुरक्षा और राहत योजनाएं दे रही है. रोजगार पर भी भाजपा भ्रम फैला रही है, जबकि हेमंत सरकार ने युवाओं को 8791 नियुक्ति पत्र देकर सम्मानजनक आजीविका दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासियों के नाम पर राजनीति बंद करे. सबसे ज्यादा जमीन लूट, विस्थापन और पुलिसिया दमन भाजपा शासन में हुआ था. आज वे मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा हर विभाग में घोटाले का आरोप लगाती है, जबकि हेमंत सरकार ने ई-गवर्नेंस, वित्तीय मॉनिटरिंग और टेंडर सुधार से पारदर्शिता बढ़ायी है. उन्होंने कहा कि झारखंड बदल रहा है और आगे भी बदलेगा. भाजपा अब गये जमाने की राजनीति कर रही है, जबकि जनता विकास के साथ खड़ी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

