वन बंधु परिषद की वार्षिक बैठक में महिलाओं की भूमिका और 43000 एकल विद्यालयों के योगदान पर चर्चा
रांची. ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और सक्रियता न सिर्फ गांवों के विकास में सहायक है, बल्कि इससे देश की समृद्धि भी सुनिश्चित हो रही है. यह बात उद्योगपति समीर लोहिया ने वन बंधु परिषद के महिला विभाग की दो दिवसीय वार्षिक बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में कही. बैठक होटल बीएनआर में आयोजित की गयी. समीर लोहिया ने कहा कि एकल विद्यालय गांव के सर्वांगीण विकास के लिए चलाये जा रहे हैं, जहां वनवासी बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा दी जा रही है. महिला समिति के तहत लगभग 43000 एकल विद्यालय संचालित किये जा रहे हैं. बैठक के पहले दिन संगठन के कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गयी. राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश माहेश्वरी ने श्यामजी गुप्त के योगदान को याद करते हुए उनके कार्यों की सराहना की और उन्हें राष्ट्रीय महिला समिति द्वारा सम्मानित किया गया. मंच संचालन सचिव अंजलि तापड़िया ने किया.इस्ट जोन चैप्टर के चेयरपर्सन रमेश धरणीधरका ने सभी अतिथियों और सदस्यों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम को प्रेरणादायी बताया. उन्होंने कहा कि परिषद द्वारा किये जा रहे कार्यों से गांव-गांव में महिलाएं शिक्षित और आत्मनिर्भर बन रही हैं. राष्ट्रीय अध्यक्ष विनिता जाजू ने महिलाओं की वात्सल्य शक्ति और क्षमताओं के माध्यम से संगठन में हो रहे कार्यों पर प्रकाश डाला. वहीं, राष्ट्रीय एकल युवा की कोऑर्डिनेटर रासू जैन ने बताया कि गुरुकुलों द्वारा संस्कार शिक्षा और बस्तियों में राष्ट्रीय चेतना पर विशेष बल दिया जा रहा है. अंत में राष्ट्रीय महिला समिति की सहसचिव रेनू कनोडिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया और सत्र की समाप्ति की घोषणा की. कार्यक्रम में परिषद के पदाधिकारियों के अलावा राष्ट्रव्यापी महिला समिति की सदस्य उपस्थित रहीं.
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