रांची.
झारखंड अफीम की खेती का बड़ा केंद्र बनता जा रहा है. राज्य सरकार ने इसको लेकर नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत की है. अभियान 10 से 26 जून तक पूरे राज्य में चलेगा. इसको लेकर मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन से स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. इससे पूर्व आयोजित कार्यशाला में मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड को नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया है. हमलोग उनके इस संकल्प को पूरा करने के लिए दिन-रात लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अभियान का समापन 26 जून को मोरहाबादी मैदान में होगा. इस अवसर पर उन्होंने गृह विभाग और सूचना जनसंपर्क विभाग के सहयोग से तैयार मादक पदार्थों के दुरुपयोग से संबंधित पुस्तिका का भी विमोचन किया. इस मौके पर मंत्री समेत सभी पदाधिकारी एवं कर्मचारियों ने नशा मुक्त भारत बनाने की शपथ ली.दवा दुकानों में लगाये जा रहे सीसीटीवी
मंत्री डॉ अंसारी ने कहा कि युवा आजकल दवा दुकानों से भी तरह-तरह की दवा ले रहे हैं और उसका इस्तेमाल नशा के तौर पर कर रहे हैं. इसलिए राज्य में 10134 मेडिकल स्टोर में से 4000 से अधिक स्टोरों में सीसीटीवी लगाये जा चुके हैं. अन्य में भी लगाये जायेंगे. इस मौके पर मंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि बच्चों को पता रहता है कि नशा का सामान कहां मिलेगा, पर पुलिस को ही पता नहीं चलता. मंत्री ने कहा कि रांची में जल्द ही रिम्स-2 की स्थापना की जायेगी. वहीं, राज्य में छह नये मेडिकल कॉलेज और दो टेस्टिंग लैब खोले जायेंगे.दवाओं पर निगरानी के लिए ऑनलाइन पोर्टल : अजय सिंह
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि दवाओं पर निगरानी के लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया जायेगा. इससे कहां कितनी दवा की खपत है, इसकी जानकारी मिल सकेगी. हर जिला में एक नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की जायेगी. काउंसेलिंग सेंटर की भी स्थापना की जायेगी. उन्होंने कहा कि बड़े शहरों रांची, जमशेदपुर, धनबाद, पलामू, बोकारो आदि में ड्रग्स का कारोबार बढ़ रहा है. इनके नेटवर्क को तोड़ने की जरूरत है. गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने कहा कि झारखंड से अन्य राज्यों को भी अफीम की आपूर्ति की जा रही है.
नशे के सौदागर सीधे जायेंगे जेल : डीजीपी
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने कहा कि पिछले 15-20 वर्षों में झारखंड अफीम के लिए एक बड़ा सोर्स स्टेट बन गया है. शहरी क्षेत्रों के बच्चे ब्राउन शुगर, हेरोइन एवं अन्य ड्रग्स की चपेट में आ चुके हैं, जो चिंता की बात है. झारखंड में अफीम की खेती को नष्ट करने का काम हमने किया है. सरकार की ओर से संदेश जाना चाहिए कि अफीम की खेती करनेवालों, ब्राउन शुगर व गांजा के सौदागरों को जेल में डाला जायेगा. उच्च एवं तनकीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने कहा कि स्कूलों एवं कॉलेजों के आसपास नशा के व्यापार को पूरी तरह से बंद करने की जरूरत है. नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने कहा कि गलत संगत के कारण कई बच्चे नशे के आदी हो जाते हैं. इस दिशा में काम करने की जरूरत है. आइजी सीआइडी असीम विक्रांत मिंज ने कहा कि पूरे राज्य में 27015.035 एकड़ भूमि पर अफीम की फसल को नष्ट किया गया है.अफीम की खेती नष्ट करने के मामले में झारखंड ने बेहतर काम कियाएनसीबी रांची जोन के अभिषेक आनंद ने बताया झारखंड सरकार ने अफीम की खेती नष्ट करने के मामले में बेहतर काम किया है. केंद्र ने भी इसकी सराहना की है. पूरे भारत में जितना ड्रग विनष्टीकरण किया गया है, उसमें झारखंड की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत है. मौके पर सचिव समाज कल्याण मनोज कुमार, सचिव स्कूली शिक्षा उमाशंकर सहित, रिनपास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सजल आशीष नाग आदि उपस्थित थे.
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