पैनम कोल माइंस के अवैध खनन का मामला मामले की अगली सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने पाकुड़ जिले में पैनम कोल कंपनी के अवैध खनन मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार के शपथ पत्र पर प्रार्थी को प्रति उत्तर दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 10 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से थपथ पत्र दायर कर बताया गया कि प्रतिवादी पैनम कोल कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गयी है. सरकार ने 118 करोड़ रुपये की वसूली के लिए सर्टिफिकेट केस किया है. इसका विरोध प्रार्थी अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने किया. उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. उन्होंने बताया कि यह रॉयल्टी का नहीं, बल्कि यह 999 करोड़ रुपये के अवैध खनन का मामला है. राज्य सरकार ने पूर्व में शपथ पत्र दायर कर अवैध खनन की बात स्वीकार भी की थी. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने जनहित याचिका दायर की है. इसमें उन्होंने कहा है कि वर्ष 2015 में पैनम कोल माइंस कंपनी को पाकुड़ व दुमका जिले में कोयला खनन का लीज मिला था, लेकिन उस पर यह आरोप है कि उसने लीज से अधिक कोयले का उत्खनन किया है. इससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है. मामले में जांच भी की गयी है, लेकिन उस जांच रिपोर्ट के आधार पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है.
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